समान नागरिक संहिता पर गठित विशेषज्ञ समिति ने किया जनता से संवाद, विभिन्न बिंदुओं पर हुई चर्चा

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काशीपुर। व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले कानून व समान नागरिक संहिता पर गठित विशेषज्ञ समिति ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार ब्लॉक कार्यालय सभागार पहुॅचकर क्षेत्र के आम नागरिकों, गणमान्य व्यक्तियों, महिलाओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों, वकीलों, एवं बुद्धिजीवियों के साथ विस्तार से परिचर्चा की। परिचर्चा में 97 व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग करने के साथ ही बुद्धिजीवियों द्वारा विभिन्न बिन्दुओं पर अपने-अपने विचार समिति के समक्ष रखे, जिन्हों समिति द्वारा रिकार्ड किया गया।

समिति के सदस्य शत्रुघन सिंह, डा.सुरेखा डंगवाल, डा.मनु गौड़ ने बताया कि समिति जनपदों का भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी दे रही है और सभी के सुझाव प्राप्त कर रही है। समिति पूरे राज्य में भ्रमण कर आम लोगों से परिचर्चा करते हुए विवाह एवं तलाक, संरक्षण, विरासतन एवं उत्तराधिकार, गोद लेना, संपत्ति का अधिकार आदि विषयों पर सभी के विचार और सुझाव एकत्रित कर रही है, ताकि सभी की अनुकूलता के हिसाब से समान कानून तैयार हो और आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिले। समिति सदस्य मनु गौड़ ने बताया कि कोई भी व्यक्ति वेबपोटर्ल- ucc.uk.gov.in ईमेल- official-ucc@uk.gov.in और डाक पता- ‘कार्यालय विशेषज्ञ समिति, समान नागरिक संहिता, राज्य अतिथि गृह, निकट राजभवन, देहरादून-248001’ पर भी अपने सुझाव दे सकते है।
सुझाव रखने वाले यक्तियों में एडवोकेट नदीमुद्दीन ने सुझाव दिया कि हर विवाह के साथ ही तलाक का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाये और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल किया जाये, ताकि बेटियों के साथ किसी भी प्रकार की धोखा-धड़ी न हो सके, पुरूषों की विशेष परिस्थितयों की जानकारी देते हुए विशेष परिस्थितियों में पुरूष को एक से अधिक पत्नी रखने का अधिकार होने, लिव इन रिलेशन को भी विवाह मानते हुए लिव इन रिलेशन का भी अनिवार्य पंजीकरण कराने का सुझाव दिया ताकि कोई भी व्यक्ति बेटियों के साथ किसी भी प्रकार से गलत हरकत न कर सके। मुकेश कुमार ने सम्पत्ति में भाई-बहन को समान अधिकार देने, लड़की की विवाह की आयु 21 व लड़के की आयु 24 वर्ष करने, विमल बाराकोटी ने अविवाहित महिलाओं को व्यक्तिगत अधिकार देने, वंशिका रावत ने आने वाली पीढ़ियों के लिए समान नागरिक संहिता जल्दी लागू कराने, सुरेन्द्र सिंह ने समान नागरिक संहिता निर्माण में सभी धर्मों के धर्म गुरूओं के साथ चर्चा करने, डॉ.चन्द्रा ने विवाह एवं उत्तराधिकार, विकास अग्रवाल ने उत्तराधिकार एवं विरासतन से सम्बन्धित, विपिन कुमार ने सरकारी सेवकों को सभी विषयों पर अभिव्यक्ति की आजादी मिलने तथा प्रताड़ित व्यक्ति को अपनी बात सरलता एवं बेहिचक पुलिस को बताने के लिए प्रताड़ित व्यक्ति व पुलिस के मध्य समन्वय हेतु पीआरओ की व्यवस्था होने आदि से सम्बन्धित सुझाव समिति के समक्ष रखे।
इस दौरान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने भी विभिन्न बिन्दुओं पर अपने सुझाव समिति के समक्ष रखे।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरूद्ध सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


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