संयुक्त किसान मोर्चा उत्तराखंड की रुद्रपुर इकाई द्वारा किसानों की 16 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा भेजा गया।
इस दौरान किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क ने कहा कि डेढ़ साल पहले दिल्ली में चले किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए मोदी सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया था कि हम किसानों की मांगों पर कार्रवाई करेंगे लेकिन डेढ़ साल बीत जाने पर भी किसानों की मांगें जस की तस है। किसानों से किये गए वायदों को पूरा करने के बजाय किसानों को जल, जंगल तथा उनकी जमीन से बेदखल कर कारपोरेट के हवाले करने की नीतियो पर सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की मुख्य मांग आयोग की सिफारिशों को लागू कर किसानों न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीद की गारन्टी कानून बनाने व संपूर्ण कर्ज माफ़ी की थी । जिस पर सरकार एक इंच भी आगे नही बढ़ी है। कृषि में बढती लागत और फसलों की गैर लाभकारी कीमतों के कारण भारत में 80प्रतिशत से अधिक किसान भारी कर्ज में डूबे हुए हैं और आत्म हत्या करने को मजबूर हैं।
किसान नेता जसबीर सिंह ने कहा कि मोदी सरकार बिद्युत संशोधन विधेयक 2022 को फिर से ला रही है जिससे किसान, आम आदमी, बिजली कर्मचारी प्रभावित होंगे, क्योंकि यह कानून बिजली का निजीकरण करने का एक जरिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना की तरह ही उत्तराखंड के किसानो को मुफ्त बिजली दी जाए।
किसान नेता जगदीश ठाकुर ने कहा कि लखीमपुर खीरी जिले में चार किसानों व एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर कार्यवाही की जाए, मृतक व घायलो को मुआवजा दिया जाए और किसानो पर से फर्जी मुकदमे वापिस लिए जाए। गन्ना किसानो के लिए 500 रुपए प्रति कुंतल तय किया जाए और नियमित खरीद व भुगतान की गारंटी हो।
ज्ञापन में सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि, फसल सम्बन्धी बीमारियों से नुकसान के लिये ब्यापक और प्रभावी फसल बीमा योजना लागू करने, बाढ़- भूस्खलन से हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने, सभी मध्यम- छोटे किसानों और खेतीहर मजदूरों के लिए 10,000/₹ प्रतिमाह किसान पैंन्शन योजना लागू करने, किसान आन्दोलन के दौरान शहीद किसानो के परिजनो को मुआवजा व शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटित करने, स्मार्ट सीटि- आल वैदर रोड़-बड़े बांध निर्माण जैसी जन विरोधी व कॉर्पोरेट पक्षधर योजनाओं पर रोक लगाने ,अतिक्रमण के नाम पर पीढियों से वन भूमि, बांध- सिचाई, ग्राम समाज व अन्य भूमि से लोगों को उजाड़ने की नीति पर रोक लगाने भूमि , उत्तराखंड में वर्ग एक व वर्ग चार के पट्टे की भूमि पर उत्तराखंड सरकार के शासनादेश के तहत हजारों किसानों की जमा लम्बित पत्रावलियों का निस्तारण शीघ्र करने सहित कई मांगे उठाई।
ज्ञापन देने वालों में काबल सिंह, नरेश पंडित , गुरदीप सिंह, सुरजीत सिंह बरनाला, गुरमीत सिंह, अमृत पाल सिंह, गुरजीत सिंह,गुरसेवक सिंह, कुलदीप सिंह, जसबीर सिंह,प्रकाश सिंह, जयपाल सिंह, जगदंबिका प्रसाद, ललित मटियाली सहित कई लोग मौजूद थे।