




कुछ लोग अलका पाल का नही कांग्रेस हाईकमान का विरोध कर रहे है…अनुपम शर्मा

काशीपुर। काशीपुर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर श्रीमती अलका पाल की ताजपोशी पर खुशी जताते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस महासचिव अनुपम शर्मा ने केंद्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व का आभार जताते हुए इस ताजपोशी का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लिया है। मीडिया से मुखातिब अनुपम शर्मा ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी के केंद्र एवं प्रदेश नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहता हूं कि अलका पाल जैसी योग्य कार्यकर्ता को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। अलका पाल राजनीतिक रूप से बहुत सक्षम हैं और उन्हें पूरे देश में काम करने का अनुभव प्राप्त है। वह कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे न जाने कितने प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित भाव से मेहनत करती आई हैं। उन्होंने कहा कि इस ताजपोशी का विरोध करने वालों का काम सिर्फ विरोध करना है। यदि वे सच्चे कांग्रेसी होते तो कांग्रेस हाईकमान के इस निर्णय का कतई विरोध न करते। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये विरोध अलका पाल का नहीं, बल्कि हाईकमान का है। अनुपम शर्मा ने कहा कि कांग्रेस में कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ स्लीपर सेल भी है। इस स्लीपर सेल की पहचान किया जाना आवश्यक है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा है कि कांग्रेस में जो स्लीपर सेल है, जो बीजेपी के एजेंट है, उनकी पहचान कीजिए। उन्होंने कहा कि संगठन सृजन अभियान की पूरी प्रक्रिया केंद्रीय नेतृत्व की थी। इसमें किसी लोकल लीडर का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा। राहुल गांधी के नजदीकी शक्ति सिंह गोहिल ने यहां आकर रायशुमारी की, और फिर फैसला हुआ। ये फैसला स्वीकार न करने वाले चाहते थे कि उनका कैंडिडेट अध्यक्ष बन जाएगा। वो कैंडिडेट जिसने पार्टी कार्यक्रमों में कभी प्रतिभाग नहीं किया। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों ने तत्कालीन अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन का भी जमकर विरोध किया। ऐसे तत्वों के कारण ही निकाय चुनाव के दौरान एक वरिष्ठ नेत्री ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। बाद में उक्त नेत्री के पिता की फोटो कांग्रेस नवचेतना भवन से हटवा दी गई, जिसका जाट समुदाय ने कड़ा विरोध किया। अब पार्टी हाईकमान द्वारा काशीपुर में 45 फीसदी आबादी वाले ओबीसी समाज की महिला को अध्यक्ष बनाया गया तो उसका विरोध करने लगे। लेकिन निजी स्वार्थों की पूर्ति करने की मंशा से पार्टी से जुड़े ये तत्व भूल गये कि वे अलका पाल का नहीं, बल्कि हाईकमान का विरोध कर रहे हैं।

