वादाखिलाफी के विरोध में श्रम भवन रुद्रपुर में बाल पंचायत का हुआ आयोजन

खबरे शेयर करे -

रुद्रपुर। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 22 जून 2022 को इन्टरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर व किच्छा में कार्यरत मजदूरों के बच्चे सैंकड़ों की संख्या में महिलाओं, मजदूरों, किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं संग श्रम भवन रुद्रपुर में पहुंचे और जोशोखरोश के साथ बाल पंचायत किया। बाल पंचायत को सम्बोधित करते हुए बच्चों ने कहा कि उत्तराखंड शासन द्वारा 30 मई को इंन्टरार्क कंपनी की तालाबन्दी को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। 1 जून 2022 को उक्त के क्रम में कुमाऊँ कमिश्नर महोदय ने बच्चों को वचन दिया था कि दो दिन में सभी मजदूरों को 3 माह का पूरा वेतन भुगतान कराया जायेगा और कंपनी की तालाबन्दी खत्म कर सभी मजदूरों को काम पर बहाल करा दिया जायेगा। इसी तरह से सहायक श्रमायुक्त द्वारा 15 जून को बाल पंचायत के दौरान हम बच्चों को वचन दिया था कि 21 जून को कलैक्ट्रेट रुद्रपुर में जिलाधिकारी द्वारा कंपनी प्रबंधन को तलब किया है। और 21 जून को सबको वेतन भुगतान करा दिया जायेगा। जिसकी खबर 16 जून को प्रकाशित सभी अखबारों में प्रकाशित हुई थी। किन्तु सहायक श्रमायुक्त और जिलाधिकारी द्वारा 21 जून को भी उक्त मजदूरों को वेतन न दिलाया गया। जिला प्रशासन द्वारा पीड़ित मजदूरों को वेतन दिलाने और कंपनी की तालाबन्दी खत्म कराने के स्थान पर हम छोटे -छोटे बच्चों संग वादाखिलाफी की जा रही है।कुमाऊँ मण्डल के सबसे बड़े अधिकारी कुमाऊँ कमिश्नर द्वारा एवं ।स्ब् व जिलाधिकारी के द्वारा हम बच्चों को दिये वचनों को भी पूरा न करने का प्रकरण छल कपट की नीति का ही परिचायक है। जिससे उत्तराखंड शासन व प्रशासन की साख को गंभीर क्षति पहुँचेगी। और जनता का विश्वास प्रशासनिक अधिकारियों व शासन प्रशासन से उठ जायेगा। जिससे अराजकता उत्पन्न होगी। जो कि उत्तराखंड राज्य व हमारे प्यारे भारत देश के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न करेगी।जिसके लिए श्रम विभाग और जिला प्रशासन ही मुख्य रूप से जिम्मेदार होंगे। कंपनी के किच्छा प्लांट में 36 मजदूरों को झूठा आरोप लगाकर विगत 3 माह के भीतर ही गैरकानूनी रूप से कंपनी के स्टेंडिंग ऑर्डर का उल्लंघन कर निलंबित कर दिया गया है। जबकि उक्त कथित घटना के समय मजदूर कंपनी परिसर में और ड्यूटी पर उपस्थित ही नहीं थे। बल्कि अवकाश पर थे। कंपनी के किच्छा प्लांट में स्टेंडिंग ऑर्डर का उल्लंघन कर करीब 700 कैजुअल मजदूरों को खतरनाक मशीनों व मुख्य उत्पादन गतिविधियों में नियोजित किया गया है जिससे आये दिन मजदूर विकलांग हो रहे हैं। जबकि कंपनी भारी इंजीनियरिंग उद्योग है। 15 दिसंबर 2018 को हुए लिखित समझौते के बावजूद भी 28 बर्खास्त व 4 निलंबित मजदूरों की अब तक भी कार्यबहाली न की गई है। स्.ज्.।. व बोनस भी काट दिया गया है। 4 साल से मजदूरों का वेतन भी न बढ़ाया गया है। किन्तु बड़े ही दुख सुर शर्म की बात है इसके बाद भी श्रम विभाग और जिला प्रशासन मौन है। इससे हम बच्चे आज दाने दाने को मुहताज हैं ,हमारा स्कूल छूटने की नौबत आ गई है।बच्चों ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर श्रम विभाग व जिला प्रशासन द्वारा मजदूरों की उक्त समस्याओं का समाधान करने और इन्टरार्क कंपनी किच्छा में चल रही उक्त गैरकानूनी कृत्यों पर रोक लगाने को निर्णायक कदम न उठाये गये तो 29 जून 2022 को पुनः श्रम भवन रुद्रपुर में बाल पंचायत की जायेगी और निर्णायक कदम उठाये जाएंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी इन्टरार्क कंपनी प्रबन्धन ,सहायक श्रमायुक्त और जिला प्रशासन की होगी। बाल पंचायत के कार्यक्रम का संचालन डॉली ने किया। कार्यक्रम को इन्टरार्क मजदूर संगठन के अध्यक्ष दलजीत सिंह, कोषाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार, इन्कलाबी मजदूर केंद्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश भट्ट, इन्कलाबी मजदूर केंद्र के शहर सचिव दिनेश भट्ट, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के लक्ष्मण सिंह, बंगाली एकता मंच के सुब्रत कुमार विश्वास, परिवर्तन कामी छात्र संगठन के साथी चंदन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के साथी सुखदेव सिंह, माइक्रोमैक्स के साथी दीपक सैन, सौरभ कुमार आदि शामिल रहे।


खबरे शेयर करे -

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *