



रुद्रपुर। बीते दिनों कांग्रेसी नेता नवतेज पाल पर हुए मुकदमे को लेकर कांग्रेसजन मुखर हो गए हैं। जिसको लेकर आज जिलेभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिले के कप्तान मंजूनाथ टीसी को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कांग्रेसजनों द्वारा सात बिंदु को लेकर एसएसपी से वार्ता की गई। इस दौरान कांग्रेसजनों ने कहा कि नवतेज पाल कांग्रेस के एक ईमानदार और स्वच्छ छवि के नेता हैं, जिनपर झूठा मुकदमा दर्ज किया है। कांग्रेसजनों की मांग है कि उक्त मुकदमे को निरस्त किया जाये। साथ ही अन्य जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध दर्ज हुए मुकदमे को भी निरस्त किया जाये।
दिये ज्ञापन में कांग्रेसियों ने कहा है कि वार्ड नं0 7 सितारगंज निवासी सचिन अरोरा द्वारा थाना सितारगंज में एफ0आई0आर0 नं० – 419 / 2022 अन्तर्गत धारा 120बी0, 420, 504, 506 आई०पी०सी० के अन्तर्गत दर्ज करायी गयी है। जिसमें सितारगंज विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे नवतेजपाल सिंह, सितारगंज नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दूबे, पूर्व ब्लाक प्रमुख सितारगंज बहादुर सिंह, कांग्रेसी नेता शाकिर पठान उर्फ बब्बू, क्षेत्र पंचायत सदस्य मृदुल त्रिपाठी, व्यापार मण्डल महामंत्री सितारगंज मनीष किनरा एवं अन्य लोगों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया है। उक्त मुकदमें में वादी सचिन अरोरा एवं उसके अन्य पार्टनर रमेश अरोरा, ममता अरोरा एवं रमेश अरोरा का पुत्र पारश अरोरा के मध्य उनकी भिखारीपुर रोड मझोला थाना खटीमा जिला उधम सिंह नगर स्थित राईस मिल के सम्बन्ध में विवाद चल रहा था। दोनों पक्षकार विवाद के निपटारे हेतु नवतेज पाल सिंह के श्याम रतन वाटिका सितारगंज स्थित कैम्प कार्यालय पर आये थे जिसमें दोनों पक्षकारों का नवतेज पाल सिंह द्वारा अन्य गणमान्य व्यक्ति जिनको कि नवतेज पाल सिंह के साथ-साथ मुकदमें में नामजद अभियुक्त बनाया गया है कि उपस्थिति में पंचायत करायी गयी थी। जिसमें दोनो पक्षों की आपस में सहमति बन गयी थी। इस पंचायत में उक्त पक्षकारों एवं पंचायतियों के अतिरिक्त व्यापार मण्डल खटीमा अरूण कुमार सक्सेना, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष उधम सिंह नगर नारायण सिंह बिष्ट सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। दोनों पक्षकारों की पंचायत में सहमति बनने के उपरान्त उक्त पंचायत के सम्बन्ध में जो भी शर्तें तय की गयी थी को दोनों पक्षकारों ने पंचायत के फैसले को मानने से इंकार कर दिया जिस कारण पंचायत समाप्त हो गयी ।
माह अक्टूबर 2021 से नवतेज पाल सिंह अपने विधानसभा चुनाव एवं अन्य जनप्रतिनिधि अपने अन्य कार्यों में व्यस्त रहने के कारण पक्षकारों से सम्पर्क नहीं कर पाये थे। थाना सितारगंज द्वारा 01 वर्ष उपरान्त बिना किसी तथ्य की जांच किये नवतेज पाल सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है जिससे श्री नवतेजपाल सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की सामाजिक छवि धूमिल हुयी है ।
कांग्रेसजनों का कहना है कि यह मामला झूठा एवं फर्जी है तथा ऐसा कोई भी गबन या जालसाजी उक्त सचिन अरोरा के विरूद्ध नहीं की गयी है और न ही नवतेज पाल सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का उक्त फर्म में किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप है और न ही नवतेजपाल सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा किसी प्रकार का कोई गबन किया गया है। यदि फर्म द्वारा किसी प्रकार का कोई भी गबन आर०एफ०सी०, यू०सी०एफ० एवं अन्य सहकारी एवं सरकारी विभागों में किया गया है तो वह फर्म के पक्षकारों द्वारा किया गया है । जबकि उक्त धोखाधड़ी का मुकदमा आर०एफ०सी० द्वारा फर्म के पक्षकारों के विरूद्ध दर्ज कराना 1 चाहिये था। विवादित फर्म थाना खटीमा क्षेत्रान्तर्गत आती है तो सितारगंज थाने द्वारा किस अधिकार से उक्त मुकदमा दर्ज किया गया है। जिससे प्रथम दृष्टया मामला फर्जी एवं झूठा सिद्ध होता है ।