सितारगंज। जिले के जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने शनिवार को उकरौली पहुँचकर नंधौर नदी का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गाँव की बाढ़ से सुरक्षा हेतु आवश्यकतानुसार स्टड निर्माण कार्य में तेजी लाकर पूरा करें। उन्होंने निर्देश दिए कि नदी का मार्ग डाइवर्ट करने के लिए एक और अतिरिक्त मशीन लगाकर कार्य मे तेजी लाकर अतिशीघ्र पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि रिवर चौनलाइज कार्य के माध्यम से नदी के बहाव को आबादी क्षेत्र से डाइवर्ट करते हुए नदी का रुख सीधा किया जाए ताकि आबादी क्षेत्र सुरक्षित रहने का साथ ही नदी के बहाव से भू-कटाव न हो। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राथमिकता के आधार पर दीर्घकालिक कार्य योजना बनाकर शासन को प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नदी के आसपास बाढ़ सम्भावित क्षेत्र में किसी भी दशा में भवन निर्माण कार्य न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि बरसात के मौसम में नदी का जल स्तर किसी भी समय बढ़ने की संभावना को देखते हुए नदी किनारे रहने वाले व्यक्तियों को सचेत किया जाए और जल स्तर बढ़ने पर आपदा संभावित क्षेत्रों को समय से खाली कराया जाए।
इससे पूर्व जिलाधिकारी ने बेगुल जलाशय का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान बेगुल जलाशय की क्षमता, विस्तार के साथ ही जलाशय में जमा सिल्ट की विस्तार से जानकारी ली। अधिशासी अभियंता सुरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि जलाशय बनने से वर्तमान तक लगभग 2 मीटर सिल्ट जमा हो चुकी है। जिलाधिकारी ने विभिन्न बिन्दुओ पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिशासी अभियंता सिंचाई को दिए।
निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी तुषार सैनी, मुख्य कृषि अधिकारी एके वर्मा, तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता सिंचाई, अरविंद सिंह नेगी, सुरेंद्र पाल सिंह, एसडीओ भुवन चंद्र तिवारी, उप प्रधान बलवीर काम्बोज सहित संजू भाष्कर, विजय भाष्कर आदि मौजूद थे।