बाजपुर।प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड के धार्मिक-सांस्कृतिक-पर्यटन के साथ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जोशीमठ शहर में हो रहे भ-धंसाव से मकानों होटलों , सरकारी प्रतिष्ठानों में आ रही दरारों ने स्थानीय जनता ही नही पूरे राज्य की चिंता को बढ़ा दिया है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाते हुए सरकार इस मामले को गंभीरता से नही ले रही है।उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि, इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर स्थानीय विधायक राजेन्द्र भंडारी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री से वार्ता करने गए प्रतिनिधिमंडल से राज्य के मुख्यमंत्री का बेरुखा व्यवहार समझ से परे है।पिछले एक साल से जोशीमठ और उसके आस-पास के इलाकों में भूस्खलन और भू- धंसाव होने से सैकड़ों घरों में दरारें आ गयी हैं और हजारों लोग इन घटनाओं से प्रभावित है।अपने आशियानों को टुकड़े-टुकड़े होता देखते हुए जोशीमठ निवासी ढहते मकानों को छोड़ कर सड़कों के किनारे अलाव के सहारे रातें काट रहे हैं। प्रारंभिक सर्वे के अनुसार भू-धंसाव से 581 मकानों में दरारें आ चुकी हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि , स्थानीय लोग 20 से 25 हजार की आबादी वाले जोशीमठ की बरबादी के लिए अनियंत्रित अदूरदर्शी विकास को जिम्मेदार मान रहे हैं।देहरादून में सीएम से मिले थे तो क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र भंडारी भी उनके साथ थे। सीएम ने एक मिनट से भी कम समय में उनकी आधी-अधूरी बात सुनकर मुख्य सचिव से बात करने को कहा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , प्रचंड बहुमत के अहंकार में सरकार अपने लोकतांत्रिक दायितवों को भूल गयी है।जोशीमठ के लोगों को बसाने की कार्य योजना तैयार की जाए।