कैंसर जैसी बीमारियों से बचना है तो जैविक खेती अपनानी होगी

खबरे शेयर करे -

कैंसर जैसी बीमारियों से बचना है तो जैविक खेती अपनानी होगी

हल्द्वानी ब्लॉक के फत्ता बंगर पंचायत भवन में हिमालय कृषक उत्पादक सहकारी समिति की आम सभा में पर्यावरणविद के रूप में सम्मिलित होने का अवसर मिला। यहां अनुभवी किसानों के बीच अपने विचार साझा किए। मुझे किसानों से संवाद के लिए आमंत्रित करने के लिए समिति के कार्यकारी अधिकारी श्री अनिल पांडे जी को धन्यवाद। कार्यक्रम में लालकुआं क्षेत्र के विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, नैनीताल जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष श्री आनंद दर्मवाल, स्पैरोमैन श्री गुलाब सिंह नेगी, कई ग्राम प्रधान और किसान सम्मिलित हुए। एक समय था जब देश में अनाज की भारी कमी हो गई थी। बढ़ती आबादी के अनुपात में कृषि उत्पादन पर्याप्त नहीं था। वैज्ञानिकों ने परिश्रम किया और देश में हरित क्रांति आई। उत्तराखंड की पंतनगर यूनिवर्सिटी का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा। आज स्थिति यह है कि देश अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर है। यही नहीं कई देशों को हम अनाज निर्यात भी करते हैं।
अनाज मात्रा में तो खूब पैदा हो रहा है पर गुणवत्ता में कमी है क्योंकि पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग हो रहा है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ गई हैं। इसका एक बड़ा कारण कृषि उत्पादों की खराब गुणवत्ता है। यदि हम इन गंभीर बीमारियों से बचना चाहते हैं तो जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा।
भारत सरकार ने बड़ी संख्या में सहकारिता के माध्यम से कृषकों के संगठन बनाकर हानिरहित जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। सरकार किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण, कृषि यंत्रों और खाद की कीमतों में छूट देने के साथ उत्पादों के विपणन की भी सुविधा दे रही है। कार्यक्रम में आई उद्यान विभाग की प्रतिनिधि ने किसानों को तमाम योजनाओं की जानकारी दी।
मेरे द्वारा कृषकों को जानकारी देने के साथ आह्वान किया गया कि वह अपने खेत के कुछ हिस्से में जड़ी बूटियों की खेती करें तो अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
आने वाली पीढ़ी के लिए वर्षा जल बचाना होगा, अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ने से रोक सकते हैं।

डॉ आशुतोष पन्त
पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी/पर्यावरणविद, हल्द्वानी।


खबरे शेयर करे -