



काशीपुर। यथा नाम यथा गुण। कबीर के दोहे और कबीर अमृतवाणी आज भी घर-घर में सकारात्मक संदेश छोड़ती है। वे संत कबीर थे, लेकिन उत्तराखंड के काशीपुर शहर में भी एक कबीर है जो अपने लिखे गीतों के माध्यम से संगीत प्रेमियों के दिल पर राज कर रहा है। पहले “बंजारा” फिर “बारिश” और उसके बाद “गलती” शीर्षक से लगातार तीन गीत लिखकर गीत लेखन के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले “कबीर” चौधरी का कहना है कि वे अपने लिखे गीतों के माध्यम से समाज में प्रेम की भावना को जीवन पर्यन्त फलीभूत होते देखना चाहते हैं। समाजसेवी नीटू चौधरी के पुत्र कबीर चौधरी वर्तमान में सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया आईएमटी एंड लॉ कालेज, काशीपुर में बीबीएलएलबी के छात्र हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल से प्राप्त की। ग्यारहवीं कक्षा में आने के बाद उनमें गीत लिखने का जज्बा जगा और उन्होंने कलम उठाकर अपना काम शुरू कर दिया। उनके लिखे गीत यूट्यूब पर धमाल मचा रहे हैं। उनके द्वारा रचित व उनके ही संगीत से सजे गीत को सुमधुर आवाज दी है उनके तहेरे भाई पुष्पेन्द्र चौधरी ने। प्रशासनिक सेवा से जुड़े युवा पुष्पेंद्र चौधरी भी गीत संगीत में खासी रुचि रखते हैं। आर्मी में सेवा देने के उपरांत सेल्स टैक्स विभाग (जीएसटी) देहरादून में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत पुष्पेन्द्र चौधरी भी समाज को प्रेमभाव कायम रखने का संदेश देना चाहते हैं। कबीर के गीतों को मिठास देकर उन्होंने इसका खासा परिचय दिया है। उनकी पत्नी कोमल चौधरी उन्हें खुलकर सपोर्ट करती हैं। वे भी संगीत में रुचि रखती हैं। वहीं, कबीर चौधरी के पिता नीटू चौधरी भी गीत-संगीत से प्रभावित हैं। अन्तर्राष्ट्रीय महिला बॉक्सर प्रियंका चौधरी व न्यायाधीश अवंतिका चौधरी के परिवार से ताल्लुक रखने वाले कबीर चौधरी व पुष्पेन्द्र चौधरी के यूट्यूब पर हजारों फॉलोवर हैं। कबीर का अगला गीत जल्द ही श्रोताओं के बीच होगा।