



रुद्रपुर। किसान मजदूर सामाजिक संगठनों व व्यापारी भाइयों के उपजिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें अनुरोध किया गया कि शासन-प्रशासन के द्वारा कुछ दिन पूर्व ही रुद्रपुर शहर के रोडवेज बस स्टेशन के निकट स्थित राम मनोहर लोहिया मार्केट व सुपर मार्केट, काशीपुर बाईपास पर समोसा मार्केट एवं कई अन्य फड़-खोखा की दुकानों को अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त कर हटा दिए। भारतीय किसान नेता सुब्रत विश्वास ने कहा सबसे चिंताजनक बात यह है कि ध्वस्तीकरण की उक्त कार्यवाही से पूर्व ध्वस्तीकरण अभियान में उजाड़े जा रहे उक्त दुकानदारों, फड़ खोखे वालों व व्यापारियों का अन्यत्र पुनर्वास भी न किया गया और इस हेतु उजाड़े जाने से पूर्व उक्त प्रभावित होने वाले लोगों के पुनर्वास हेतु कोई भी योजना न बनाना और सबकुछ रामभरोसे ही छोड़ देने की कार्यप्रणाली सबसे अधिक चिंताजनक है और इससे बड़े दुख की बात है कि बीजेपी कांग्रेस और दूसरे राजनीतिक दल इन व्यापारियों के दुख में सम्मिलित होने की जगह आपस में लड़ रहे हैं। रुद्रपुर के राजनीति का एक कमजोर कड़ी को दर्शाता है कि जिस प्रकार से रुद्रपुर के व्यापारियों का रोजी रोजगार तोड़ दिया गया और उन्हें बिना कोई उचित मुआवजा और बिना किसी पुनर्वास के इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश भट्ट ने कहा की अधोहस्ताक्षरी गणों का स्पष्ट मत है कि समाजहित में अत्यावश्यक होने पर ही किसी के घर, दुकान और रोजी-रोटी पर बुलडोजर चलाना चाहिए और उजाड़े जाने से पूर्व प्रभावितों का सम्माजनक रूप से पुनर्वास किया जाए। इस हेतु प्रभावित लोगों से व्यापक विचार-विमर्श कर उन्हें विश्वास में लेकर उनकी सहमति से उनके सम्मानजनक पुनर्वास की योजना बनानी चाहिए। क्योंकि न्याय का सिद्धांत और मानव जाति का इतिहास हमेशा लोगों को बसाने की शिक्षा देता है न कि उजाड़ने की। ऐसे में न्यायहित में यह अति आवश्यक है कि अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े गए उक्त दुकानदारों, फड़ -खोखे वालों और व्यापारियों को रुद्रपुर शहर में ही ऐसे स्थानों पर बसाया जाए। जहां उनका रोजगार पहले की तरह सुचारू रूप से चल सके। उन्हें जगह निशुल्क प्रदान की जाए और निर्माण कार्य करने आदि हेतु आने वाले सम्पूर्ण व्यय का वहन राज्य सरकार व नगर निगम को ही उठाना चाहिए। तांकि प्रभावित लोगों की क्षतिपूर्ति हो सके। बसाने के नाम पर महज खानापूर्ति करने की कार्यवाही के हम सख्त विरोधी हैं। उन्होंने निवेदन किया कि न्यायहित में अतिक्रमण के नाम पर उजाड़े गए उपरोक्त समस्त दुकानदारों, फड़ खोखे वालों और व्यापारियों का अविलंब रुद्रपुर शहर के भीतर ऐसे स्थानों पर सम्मानजनक तरीके से पुनर्वास किया जाए, जहां उनका रोजगार पहले की तरह ही संचालित हो सके। इस दौरान इंकलाबी मजदूर केंद्र से कैलाश भट्ट, भारतीय किसान यूनियन से सुब्रत विश्वास, सामाजिक संगठन से शिवदेव सिंह, योगेश सिंह अधिकारी, राम अवतार, रामेश्वर दयाल, लोक अधिकार संगठन, ऑटो लाइन इनप्राइस, सुरेंद्र रावत, मासा, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, मजदूर ठेका संगठन, रामजीत सिंह रामजीत यादव, श्रीराम यादव, दीपक विश्वास आदि लोग उपस्थित थे।