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वाहन रास्ते से हटाने को लेकर हुई थी संदीप कार्की की हत्या, पुलिस के हाथ लगे हथियारे

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शांतिपुरी। बीते दिनों शांतिपुरी में हुए संदीप कार्की की हत्या के मामले में पुलिस ने सफलता हासिल की है। पुलिस ने हत्या करने वाले दो आरोपियों समेत उनके पिता को गिरफ्तार किया है। जिनके विरुद्ध पुलिस ने गैंगस्टर की कार्यवाही करते हुए संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही भी शुरु कर दी है।
ज्ञातव्य हो बीती 14 मई को मामूली बात के चलते शांतिपुरी में संदीप कार्की की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने संदीप कार्की के भाई किशन कार्की की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 मई को खनन वाहनों को रास्ते से हटाने को लेकर संदीप कार्की व पंकज जोशी की मोहन सिंह मेहता व दीपक सिंह से कहासुनी हो गई, जिसके बाद मोहन व दीपक द्वारा अपने साथी ललित मेहना को पिस्टल लेकर मौके पर बुला लिया और तीनों ने एकराय होकर संदीप कार्की की सीने में गोली मारकर हत्या कर दी।
पूरे मामले में मृतक संदीप के भाई किशन ने तहरीर देकर न्याय की मांग ही। जिसपर पुलिस ने हत्यारोपियों की तफ्तीश शुरु कर दी। जहां सीसीटीवी व सुरागों की मदद से पुलिस ने दबिश देते हुए लालकुआं रोड मंदिर के पास से मोहन सिंह मेहता व नगला बाईपास लालकुआं रोड से ललित मेहता व दीपक मेहता को गिरफ्तार किया। जिनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त 32 बोर की पिस्टल भी बरामद हुई। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि उनके और मृतक संदीप सिंह कार्की के मध्य खनन कार्यों को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था। हमको शक था कि हमारी जेसीबी खनन अधिकारियों से संदीप कार्की व पंकज जोशी की शिकायत पर पकड़ी गयी थी, जिस पर हमे ढाई लाख रुपये जुर्माना देना पड़ा था, जिस कारण रंजिश और गहरी हो गयी थी। हमारी जेसीबी का डाईवर घटना के दिन नहीं आया था। हमने पंकज जोशी को उसकी जेसीबी से गाड़ी भरने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया, तब बात बढ़ गयी जिससे हमारी बेईज्जती हो गयी। तब हमने अपना ट्रक रास्ता रोकने के लिए खड़ा कर दिया। जिससे विवाद बढ़ गया। संदीप कार्की बीच बचाव करने लगा तथा पंकज जोशी का पक्ष लेने लगा तब ललित मेहता ने संदीप कार्की को अपनी पिस्टल से गोली मार दी और मौके से क्रेटा गाड़ी से फरार हो गये। खनन के वर्चस्व को लेकर उक्त विवाद हुआ था। जिसपर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त ललित सिंह मेहता व दीपक मेहता का पूर्व में भी अपराधिक इतिहास है, जिसके चलते उक्त लोगों पर गैंगस्टर की कार्यवाही को अमल में लाया जा रहा है, साथ ही संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही भी सुुनिश्चित की जायेगी।
कार्यवाही करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी द्वारा पांच हजार रुपये, जिलाधिकारी द्वारा दस हजार रुपये ईनाम देने की घोषणा की गई है, साथ ही पुलिस उपमहानिरीक्षक से भी ईनाम हेतु आग्रह किया गया है।
कार्यवाही करने वाली पुलिस टीम में पंतनगर सीओ आशीष भारद्वाज, पंतनगर एसओ अरविन्द चौधरी, सिडकुल चौकी प्रभारी पंकज कुमार, कुन्दन राठौर, हेम चन्द्र, नीलम मेहता, राम किशन, भूपाल सिंह, कृपाल सिंह, जीवन भट्ट, कृपाल सिंह, कमल किशोर, देवराज, आनंद कुमार, शांति प्रकाश टम्टा, राम सिंह, नरेन्द्र कन्याल, योगेन्द्र पटवाल, राजेन्द्र कोरंगा, मंजू बुढलाकोटि, भावना मेहता, पुष्पा मेहता, दिनेश चंद्र जोशी, भुवन चंद व द्वितीय टीम में निरीक्षक सलाउद्दीन, गदरपुर कोतवाल बिजेन्द्र शाह, एसओजी प्रभारी कमाल हसन, दिनेशपुर थानाध्यक्ष विनोद जोशी, गुलरभोज चौकी प्रभारी सुनील सुतेडी, कैलाश सिंह, ललित बिष्ट, राजेश पांडे, गणेश पांडे, मतबूल खान, उमेश राज, भूपेन्द्र आर्या, बलवन्द मनराल, ललित चौधरी आदि शामिल रहे।


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