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हारिल पत्रिका के प्रथम अधिवेशन का हुआ सफल आयोजन पांच राज्यों के 60 कवियों ने कवि सम्मेलन में किया काव्यपाठ रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा मुख्यातिथि के रूप में कार्यक्रम में हुऐ शामिल पत्रिका का किया विमोचन

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हारिल पत्रिका के प्रथम अधिवेशन का हुआ सफल आयोजन पांच राज्यों के 60 कवियों ने कवि सम्मेलन में किया काव्यपाठ
रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा मुख्यातिथि के रूप में कार्यक्रम में हुऐ शामिल पत्रिका का किया विमोचन

रुद्रपुर। रुद्रपुर में आयोजित हारिल पत्रिका के प्रथम अधिवेशन में उत्तराखंड साहित्य जगत में नया इतिहास रच दिया। इस अवसर पर हारिल पुस्तक का विमोचन एक भव्य कवि सम्मेलन के साथ नगर निगम रुद्रपुर सभागार में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रुद्रपुर के विधायक शिव अरोड़ा ने पत्रिका का विमोचन किया एवं इस साहित्यिक पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ती है।उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर सभी हारिल की टीम को बधाई दी और भव्य कवि सम्मेलन का जमकर लुफ्त उठाया।

कार्यक्रम में उत्तराखंड साहित्य महोत्सव के अंतर्गत 5 राज्यों से आए करीब 60 कवियों ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं से मंच को गूँजायमान किया। अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा और महासचिव हर्षित पाण्डेय , संपादक आशीष गौड़, प्रबंध संपादक प्रगति पाण्डेय , संतोष रावत , मनीष गाडरी रजनी शर्मा , खुशबू साहू , लवेश गौड़ का भी उल्लेखनीय योगदान रहा।

हारिल का यह अधिवेशन न सिर्फ साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र रहा, बल्कि युवाओं और वरिष्ठ रचनाकारों के बीच संवाद का सेतु भी बना। इस आयोजन ने रुद्रपुर को साहित्य के मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान दिलाया है।
कार्यक्रम में समाज सेवी सुशील गाबा , वरिष्ठ पत्रकार कंचन वर्मा , अजय तिवारी , मनोज मदान , योगेश तिवारी , उमेश पसरिचा , सुनील यादव , एकेश तिवारी , डंपी चोपड़ा , बब्लू सिंह , सोनू वर्मा, मयंक कक्कड़, विक्की घई मौजूद रहे ।
कार्यक्रम का संचालन जाने माने कवि सुरेन्द्र जैन ने किया, जिसमें अविरल शुक्ला ने पढ़ा कि रामद्रोह करने से बाज यदि आए न तो, द्रोहियों की छातियों पे श्री राम लिखा जाएगा, विकल बहराइची जी ने बेटियों के ऊपर रचना पढ़कर सभी को भाव विभोर किया, अश्क़ रामपुरी जी ने पढ़ा कि दर ओ दीवार सब सजाए गए, हम ही थे नींव के पत्थर हमीं भुलाए गए, हर्षित पाण्डेय ने पढ़ा कि वृद्धाश्रम में इक मां बोली बेटों पर अभिमान बहुत था । कार्यक्रम में अभिषेक मिश्रा ‘अभिव्यक्ति’, शेखर पाखी, दीपांशु कुँवर, गोविंद गुप्ता अंकित सारस्वत, मंजूषा पंवार, सीमा मौर्य ‘शैली’, दीपक सिंह बिष्ट ‘परिवर्तन’, शशांक पाण्डेय ‘दुर्गा’, पंकज मतलबी, सत्येन्द्र जाखड़, योगेश बहुगुणा, अंकिता जायसवाल , अमित दीक्षित, आदि ने अपनी रचनाओं से समाँ बाँधा ।


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