देहरादून। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता को ठगने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही पर प्रदेश के डीजीपी उत्तराखण्ड को आदेश दिये हैं। जिसपर डीजीपी उत्तराखंड द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को दिशा निर्देश दिए गए। जिस पर थाना साइबर पुलिस उत्तराखंड द्वारा भरतपुर राजस्थान में दबिश दी गईं। यह दो दिवस में साइबर थाने द्वारा दो अलग राज्यों में दो अलग अभियोगांे में दो गिरोह पर प्रभावी करवाई की गयी है। जिसमे एसटीएफ एवं साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड द्वारा ओएलएक्स पर भारतीय सेना का बताते हुये सेना के व्यक्तियो का पहचान पत्र व फोटो भेजकर ओएलएक्स पर मकान किराये पर लेने के नाम पर वादी मुकदमा से हुयी 12 लाख 46 हजार की धोखाधड़ी से सम्बन्धित अभियुक्त शरीफ से फ्रॉड के लिए इस्तेमाल किए गये 03 एटीएम कार्ड 02 मोबाइल व 07 सिम कार्ड के साथ 1 लाख 48 हजार रुपये नकद धनराशि बरामद कर डींग भरतपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया है। वहीं गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीम पुनः मेवात साइबर गढ़ मे गिरफ्तारी हेतु भेजी जायेगी।
वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा ओएलएक्स पर जानकारी प्रप्त कर स्वंय को सीआईएसएफ में बताकर मकान को किराये पर लेने व पैसे ऑनलाईन भेजने की बात कहकर सेना के कार्यालय से किसी अन्य व्यक्ति से कॉल करवाकर स्वंय को सेना कार्यालय का बताते माध्यम से सम्पर्क कर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है। इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें शिकायतकर्ता लवीना कुकरेजा पत्नि स्व हरगोपाल कुकरेजा निवासी 207/02 त्रीलोक कालोनी बल्लूपुर रोड तृतीय जनपद देहरादून के साथ अज्ञात व्यक्ति द्वारा स्वंय को सीआईएसएफ में बताकर मकान को किराये पर लेने व पैसे ऑनलाईन भेजने की बात कहकर अन्य व्यक्ति से कॉल आने पर शिकायतकर्ता को कॉल करवाकर स्वंय को सेना कार्यालय से बताते हुए शिकायतकर्ता से धोखाधड़ी कर पैसे भेजने के नाम पर विभिन्न खातों से अलग-अलग किश्तों में कुल 12,46,000/- (बारह लाख छियालिस हजार ) रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से विभिन्न बैक खातो में प्राप्त करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 07/22 धारा 420/120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री विकास भारद्वाज के सुपुर्द की गयी।
अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु घटित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आये अभियुक्तो द्वारा अज्ञात व्यक्ति द्वारा स्वंय को सीआईएसएफ में बताकर मकान को किराये पर लेने व पैसे ऑनलाईन भेजने की बात कहकर अन्य व्यक्ति से कॉल आने पर शिकायतकर्ता को कॉल करवाकर स्वंय को सेना कार्यालय का बताते हुये वादी मुकदमा से धोखाधडी की गयी । मोबाईल नम्बर व खातों की जानकारी से अभियुक्तगणों का राजस्थान से सम्बन्ध होना पाया गया जिसमें टीम को राजस्थान व अन्य सम्भावित राज्यो में रवाना किया गया।
पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तो द्वारा वादी मुकदमा को जो खाता संख्या व मोबाईल नम्बर दिये थे व धोखाधडी से प्राप्त की गयी धनराशि की खातो के खाताधारक की जानकारी प्राप्त की गयी व उक्त खाते का खाताधारक के सम्बन्ध में साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में 01 अभियुक्त मौहम्मद शरीफ पुत्र स्व0 महबूब निवासी ग्राम कल्याण पुर थाना खो जिला भरतपुर राजस्थान को जनपद डिंग राजस्थान से गिरफ्तार करते हुये घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन मय धनराशि व अन्य सामान को बरामद किया गया।
अपराध का तरीकाः- अभियुक्त द्वारा ओएलएक्स पर जानकारी प्रप्त कर स्वंय को सीआईएसएफ में बताकर मकान को किराये पर लेने व पैसे ऑनलाईन भेजने की बात कहकर सेना के कार्यालय से किसी अन्य व्यक्ति से कॉल करवाकर स्वंय को सेना कार्यालय का बताते हुये आम जनता से धोखा कर धोखाधडी से ऑनलाईन ठगी करना ।
पुलिस टीम में निरीक्षक विकास भारद्वाज, एसआई कुलदीप टम्टा, हेडकांस्टेबल रकम सिंह, कांस्टेबल सोहन बडोनी, कांस्टेबल मनोज बेनीवाल शामिल रहे।
प्रभारी एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो फर्जी साइट धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन टिकट को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें। इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है। जिसको वर्तमान समय तक 40,000/- लोगो द्वारा देख कर 216 लोगों द्वारा शेयर किया गया है।