जल केवल एक पोषक तत्व ही नहीं है बल्कि इसे भोजन का भी दर्जा दिया गया है :अंजुम कादरी

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सितारगंज स्पष्ट शब्दों में कहा जाता है जल है तो कल है हमें अपने जीवन में हर क्षण विभिन्न क्रियाओं जैसे उठने बैठने चलने दौड़ने आदि के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है इसके अतिरिक्त हमारे शरीर के अंदर और भी कुछ क्रियाएं हर क्षण होती रहती हैं जैसे दिल का धड़कना आँतों का सिकुड़ना फेफड़ों का फैलना और सिकुड़ना आदि शरीर को इन आंतरिक क्रियाओं के लिए भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऊर्जा देने का यह कार्य मुख्य रूप से कारबोज़ और बसा द्वारा किया जाता है इन दोनों पोषक तत्वों को शरीर का ईंधन कहा जाता है इन दोनों पोषक तत्वों के कार्य की तुलना लकड़ी कोयला आदि ईंधन के जलने से की जा सकती है आपने देखा होगा कि इन ईधनों के जलने पर गर्मी और प्रकाश के रूप में ऊर्जा निकलती है भोजन कई पोषक तत्वों का मिश्रण होता है इसमें कम से कम 40 से भी अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं इसके मुख्य 5 वर्ग हैं प्रोटीन, कारबोज़, वसा, विटामिन, और खनिज लवण लेकिन आज जल दिवस है तो हम जल की ही बात करेंगे जिस तरह से हम भोजन के लिए हर जगह मारे मारे फिरते हैं मेहनत करते हैं मजदूरी करते हैं तब जाकर हमें भोजन प्राप्त होता है भोजन के लिए हम जी जान से बहुत सारी मेहनत करते हैं क्या कभी हमने यह जानने की कोशिश की है की जल भी भोजन है जल के अंदर भी कम से कम 40 से अधिक तत्व पाए जाते हैं जब कभी हमें भूख लगती है और हमें भोजन प्राप्त नहीं होता तब हम बहुत सारी चीजों से अपनी भूख को मिटाना चाहते हैं लेकिन भूख नहीं मिटती और हम जैसे ही पानी को पीते हैं तो हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है यानी कि हमारी भूख मिट जाती है सोचने योग्य बात है भोजन के लिए हम दिन रात एक किए बैठे हैं क्या कभी हमने जल को बचाने के लिए कोई प्रयास किया है हम सब बस स्टेशन या सफर के दौरान या रोज़ा व्रत आदि मे महसूस कर चुके हैं हमें जब भूख लगती है तब हम पूरा पूरा दिन बर्दाश्त कर लेते हैं और रोज़े व्रत के अंदर हमें सिर्फ प्यास लगती है भूख को तो हम बर्दाश्त कर लेते हैं लेकिन जब हमें प्यास लगती है तब हमारा दिल डूबने लगता है बहुत बेचैनी होने लगती है त्वचा मुरझाने लगती है यानी कि हम लोगों को बिल्कुल मान लेना चाहिए जल है तो कल है भोजन में कई सारी चीजें मिलाकर भोजन को बनाया जाता है जिससे हमें ऊर्जा प्राप्त होती है लेकिन जल मे कुछ भी नहीं मिलाया जाता और जल से हमारी ऊर्जा बरकरार रहती है आपने यह भी देखा होगा डॉक्टर के पास जब जाते हैं तो डॉक्टर कहते हैं आप यह भोजन मत लो वह भोजन मत लो लेकिन कभी किसी डॉक्टर ने आपसे यह कहा है कि आप यह जल मत लो आप जल की जगह दूध ले लो या कोई कोल्ड ड्रिंक ले लो या कोई लिक्विड ले लो नहीं कभी किसी डॉक्टर ने आपको यह सलाह नहीं दी क्योंकि हर एक चीज जल से मिलकर ही बनती है हमारे शरीर में जो भी भोजन या कोई फ्रूट या कोई लिक्विड या अदरवाइज़ कोई भी चीज़ हमारे शरीर में जब पहुंचती है तो उसमें जल ज़रूर मिला हुआ होता है अब आप स्वयं का निर्णय लें जल हम लोगों के लिए जीवन है या नहीं


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