काशीपुर 3 जनवरी 2022:- निरंकार को साक्षी मानते हुए सभी के प्रति प्रेम का भाव अपनाएं! प्रेम केवल शब्दों में ही सीमित ना रहे उसे अपने जीवन एवं व्यवहार में शामिल करें! यदि हमें प्रेम और सम्मान के विपरीत प्रेम एवं सम्मान नहीं मिल रहा है तब भी अपने हृदय को और अधिक विशाल बनाकर सब के प्रति प्रेम का भाव ही अपनाना है। यह उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा नव वर्ष के संदेश रूप में वर्चुअल माध्यम द्वारा विशेष सत्संग समारोह में व्यक्त किए गए। इस कार्यक्रम का लाभ संत निरंकारी मिशन की वेबसाइट के माध्यम से विश्व भर के लाखों भक्तों और प्रभु प्रेमियों द्वारा किया गया।
सतगुरु माता जी ने कहा कि हमें प्रतिपल मिलकर प्रभु को हृदय में बसाते हुए अपने हृदय को इतना अधिक पवित्र बनाना है कि उससे केवल प्रेम ही उत्पन्न हो और वह वैर, ईर्ष्या, निंदा, द्वेष का कोई स्थान ही ना रहे।
सतगुरु माता जी ने कहा कि यदि बीते 2 वर्षों की परिस्थिति को देखें तो कोरोना के कारण बहुत से लोगों के उद्योग एवं व्यापार प्रभावित हुए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष रूप में सत्संग होने भी बंद हुए । ज्ञान की प्राप्ति के उपरांत प्रत्येक ब्रह्मज्ञानी संत इस बात से भलीभांति परिचित है कि उसके लिए प्रत्येक दिन, महीने और साल भक्तिमय होते हैं। उसके जीवन के लिए किसी साल के बदलने की या फिर किसी विशेष दिन की कोई महत्ता शेष नहीं रह जाती और परमात्मा के एहसास में जीवन जीते हुए वह आनंद की अवस्था को प्राप्त करता है।
सतगुरु माता जी ने निरंकारी भक्तों से आह्वान किया कि वह निरंकार प्रभु का आशीर्वाद लेते हुए ह्रदय में परोपकार का भाव अपनाएं और मर्यादा पूर्वक जीवन जीते हुए समस्त मानव जाति को प्रेम बांटते चले जाएं।
इसके अतिरिक्त वंदनीय सतगुरु माता जी ने नववर्ष में उपहार स्वरूप तो संभावना की सूची दिलवाकर सभी भक्तों जनों को खुशी प्रदान करी। जिसमें भक्ति पर्व एवं 55 में वार्षिक महाराष्ट्र समागम की तिथियों की उद्घोषणा करी गई।