“प्रकृति को बचाएँ, एक पौधा अवश्य लगाए!”
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस (World Nature Conservation Day) प्रथम बार 28 जुलाई 2000 में मनाया गया था और तब से ही हर साल यह 28 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति (Nature) को लेकर बहुत ही खास होता है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस इस बात के लिए जागरूक करता है कि एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और स्वस्थ मानव समाज की नींव है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य उन जानवरों और पेड़ों का संरक्षण करना है जो पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण से विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसलिए, प्रकृति को संरक्षित करने की हर शख्स की जिम्मेदारी है। आनेवाली नस्लों के साथ-साथ वर्तमान में सेहत को सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ दुनिया की तरफ काम करने की जरूरत है।
धरती को बचाने में संसाधनों के संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रकृति के कई हिस्सों जैसे पानी, हवा, मिट्टी, ऊर्जा, मिनरल्स, वनस्पति, पशु-पक्षियों को संरक्षित करना परम आवश्यक है। इन संसाधनों का मनुष्यों के साथ-साथ बाकी जीवों के लिए भी महत्व है।
प्राकृतिक संसाधनों के अत्याधिक दोहन के कारण मनुष्य को ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न बीमारियों, प्राकृतिक आपदाओं, बढ़े हुए तापमान, बाढ़ आदि के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या मनुष्य द्वारा प्रकृति संरक्षण के लिए एहम कदम उठाए जा रहे हैं?
सरकार द्वारा चलायी गई “प्रोजेक्ट टाइगर” जैसी योजनाएं काफी कारगर साबित हुई हैं।
प्रकृति संरक्षण के लिए स्वयं को प्रकृति के करीब लाना एक कारगर उपाय है।
प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उठाये हुए छोटे छोटे कदम जैसे पौधा लगाना, किसी नज़दीकी पार्क की सफाई करना, कम्पोस्ट बनाकर घर के बचे हुए खाने से खाद बनाना, बर्ड वाचिंग के लिए वन या पार्क में जाना या प्रकृति संरक्षण संबंधी किसी योजना का हिस्सा बनने से प्रकृति संरक्षण के लिए पूरे समाज में एक अच्छा संदेश जाता है और जागरूकता भी फैलती है।
प्रकृति संरक्षण हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए लाभकारी और परमावश्यक है, और इस खास दिवस पर हम सभी को किसी न किसी रूप में इसका हिस्सा बनना चाहिए।
हर एक व्यक्ति द्वारा एक एक पौधा लगाने से एक उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी जा सकती है।
– ई• रूपेश अरोरा, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, रुद्रपुर।