चंद्रयान की सफल इसरो टीम में जेसीज के पूर्व छात्र शामिल
जेसीज के पूर्व विद्यार्थियों ने एक बार पुनः विद्यालय को गौरवांवित किया। जेसीज के दो प्रतिभावान छात्र रोहित उपाध्याय और आशीष जोशी को इसरो की सफल चंद्रयान टीम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। विद्यालय में अपने विद्यार्थियों की गरिमापूर्ण सफलता की सूचना पर हर्ष और गर्व का वातावरण है।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग ने देश के इतिहास में सफलता का एक नया अध्याय जोड़ा दिया है। इस सफलता का श्रेय जिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों को दिया जा रहा है उनमें जेसीज पब्लिक स्कूल रुद्रपुर के दो प्रतिभावान छात्र भी है। इनमें एक रोहित उपाध्याय हैं जिन्होंने सत्र 2007-2008 में जेसीज पब्लिक स्कूल रुद्रपुर से इंटरमीडिएड की परीक्षा उत्तीर्ण की। और दूसरा नाम है आशीष जोशी जिन्होंने 1997-1998 में विद्यालय से इंटरमीडिएड की परीक्षा उत्तीर्ण की।
रोहित कुमाऊं इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन में बी.टेक. तथा आरएफ और माइक्रोवेव इंजीनियरिंग में एम.टेक करने के बाद 2016 में यूआरएससी (पूर्व में आईएसएसी) बैंगलोर में वैज्ञानिक के रूप में इसरो में शामिल हुए। आशीष जोशी ने 1998 में जेसीज से इंटरमीडिएट करने के बाद अपनी आगे की शिक्षा कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल उत्तराखंड से प्राप्त की और इसरो में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए। ये दोनो बहुत ही मेधावी छात्र थे और शुरुआत से कुछ अलग करना चाहते थे। इन्होंने अपनी सफलता की सूचना अपने शिक्षको के साथ साझा की। यह विद्यालय के लिए बहुत गर्व की बात है कि जेसीज के अनेक विद्यार्थी विभिन्न पदों पर आसीन होकर विद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।
विद्यालय के महासचिव श्री सुरजीत सिंह ग्रोवर ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभ कामनाएं प्रदान की। विद्यालय के निदेशक श्री सुधांशु पंत, प्रधानाचार्य श्री प्रवेश मेहरा तथा उनकी अध्यापिका श्रीमती कनक मदान सहित समस्त शिक्षको ने दोनो मेधावी छात्रों को बधाई दी तथा कहा कि वे आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श उदाहरण हैं व इस देश के गौरव है। इनके जूनियर सदैव उनका अनुकरण करते हैं। आने वाले विद्यार्थी इसी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर रहेंगे। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन सभी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के अपने संकल्प को पुनः दोहराया।