



बसौड़ा पूजन 25 को काशीपुर। चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी या बसौड़ा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। ये होली के आठ दिनों बाद आती है। इस बार शीतला अष्टमी 25 मार्च को है। श्री शीतला माता मंदिर के पीठाधीश पं. संदीप मिश्रा ने बताया कि होली के बाद आने वाले सोमवार को शीतला माता की पूजा का विधान है। इसके बाद बुधवार और शुक्रवार को पूजन की मान्यता है। पंजाबी समाज के लोग मंगलवार को शीतला मां की पूजा करते हैं। शीतला अष्टमी के दिन लोगों के घर चूल्हा नहीं जलता। पूजा के दौरान माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। इसी भोजन को लोग प्रसाद के तौर पर खाते हैं। कहीं-कहीं माता को चावल और घी का भोग लगाया जाता है, वहीं कुछ जगहों पर हलवा और पूरी चढ़ाई जाती है। भोग के लिए जो भी चीज बनाई जाती है, उसे सप्तमी के दिन ही तैयार कर लिया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें पसंद हैं, इसलिए उन्हें ठंडे भोजन का ही भोग लगाया जाता है और प्रसाद के तौर पर लोग भी इस दिन ठंडा भोजन ही खाते हैं।