रुद्रपुर के जीवनदीप अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी की विशेष OPD शुरु, जानिये डॉ. मनोज जोहर की उपलब्धि

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रूद्रपुर। उत्तर भारत में दशकों से क्वालिटी हेल्थकेयर सेवाएं प्रदान करने वाले उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थान मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज, नई दिल्ली ने आज शहर के जीवनदीप हॉस्पिटल के सहयोग से रिकंस्ट्रक्टिव और प्लास्टिक सर्जरी के लिए अपनी विशेष ओपीडी सेवाएं शुरू करने की घोषणा की। इस ओपीडी में कॉस्मेटिक, एस्थेटिक, रिकंस्ट्रक्टिव और अन्य प्लास्टिक सर्जरी समेत टर्शियरी विशेषज्ञताओं के लिए शीर्ष क्वालिटी की डायग्नोस्टिक सेवाएं और इलाज उपलब्ध रहेंगे।
आज से शुरू यह ओपीडी सेवा जीवनदीप हॉस्पिटल में हर महीने के तीसरे सोमवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक संचालित होगी। मैक्स हॉस्पिटल में एस्थेटिक, रिकंस्ट्रक्टिव एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ निदेशक एवं विभाग प्रमुख डॉ. मनोज जोहर हर महीने ओपीडी संचालित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध रहेंगे।
इन ओपीडी सेवाओं के शुरू होने से स्थानीय लोगों को प्राथमिक परामर्श और विशेषज्ञ की राय जानने के लिए लंबा सफर तय नहीं करना पड़ेगा और वे अपने घर के पास ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह ले सकेंगे।
कॉस्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली तकनीकों, इसकी विश्वसनीयता तथा प्रभावशीलता को देखते हुए इसकी मांग काफी बढ़ गई है क्योंकि युवा आबादी में जागरूकता, उपलब्धता और बेहतर सामर्थ्य तथा उन्नत लिक्विडिटी बढ़ी है।
डॉ. मनोज जोहर बताते हैं, श्ट्रॉमा और आपात रिवैस्कुलराइजेशन से इतर कॉस्मेटिक मेकओवर और शारीरिक सौंदर्य जैसी प्रक्रियाएं युवा आबादी में बहुत लोकप्रिय हुई हैं। सुधार/संवर्धन तकनीक सर्जिकल से नॉनकृसर्जिकल तक में शामिल हैं जिनमें खानपान, व्यायाम, लाइफस्टाइल प्रबंधन, त्वचा एवं बालों की देखभाल के उत्पादों का इस्तेमाल भी शामिल हैं। इसका मुख्य फोकस संपूर्ण सुधार लाने पर है जिसमें कुछ मामलों में बचाव भी किया जाता है। इसके बढ़ते चलन और इसकी संभावनाओं के बारे में जान चुके लोगों ने शादी से पहले पूर्ण नियोजित तरीके से अपने सौंदर्य में निखार लाने वाली तकनीकों को अपनाना शुरू किया है। हम भी इस लाभकारी उपाय के बारे में सजग रहते हैं और उचित अभ्यर्थी को ही इसकी सलाह देते हैं क्योंकि जागरूकता बढ़ने से ही मांग ही बढ़ेगी।श्
इसके अलावा रिकसंपूर्ण मेकओवर चाहने वाले लोगों की रिकवरी में अलगकृअलग समय लगता है। चूंकि परिवार के सदस्यों का सहयोग कम होने लगा है इसलिए लोग कम समय में रिकवरी वाले उपचार ही चुनते हैं। उपचार का विकल्प चुनने में यह एक अहम कारक माना जाता है।
डॉ. जोहर ने कहा, श्एक दिन की रिकवरी या ऑफिस प्रक्रिया जैसी अल्पकालीन प्रक्रियाओं की मांग बढ़ी है। सर्जरी की मात्रा और सुरक्षा के मसलों से समझौता किए बगैर उन सर्जनों की मांग बढ़ी है जो तेजी से रिकवरी वाली प्रक्रियाएं आजमाते हैं। इस तरह की सर्जरी में पहले रिकवर होने में अमूमन 3कृ5 दिन लग जाते थे लेकिन अब इसमें 1कृ2 दिन ही लगते हैं। इस प्रकार इसमें अवधि सीमा तय हो गई है।श्
कई एडवांस्ड प्रक्रियाएं आजमाने में महज 45 मिनट लगते हैं और मरीज उसी दिन घर लौट जाता है। चूंकि इसमें कोई कट नहीं लगाना पड़ता है इसलिए मरीज के शरीर पर कोई निशान भी नहीं बनता है। मरीज पर इलाज का असर 3 से 5 दिन में होने लगता है। इस तरह की प्रक्रियाओं के परिणाम तत्काल और किफायती होते हैं।


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