



उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय का नया कदम: बीट पुलिसिंग को और अधिक हाई-टेक बनाना
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने सभी थाना प्रभारियों को दिए निर्देश उक्त के अनुपालन में ई बीट को करे यथाशीघ्र पूर्ण
बीट में नियुक्त आरक्षियों को 26 मोबाईल किए वितरित
ई बीट बुक के माध्यम से एक क्लिक पर खुलेगी बीट क्षेत्र की सभी जानकारी
गुंडा तत्वों और असामाजिक तत्वों पर ई बीट बुक के माध्यम से की जाएगी कड़ी निगरानी
हिस्टीशीटरों की निगरानी एवं बीट से सम्बन्धित समस्त शिकायतों का निस्तारण करने में होगी आसानी।
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय बीट पुलिसिंग को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। इसी क्रम में, आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) उधमसिंहनगर, मणिकांत मिश्रा के दूरदर्शी निर्देशों के तहत, काशीपुर कोतवाली में तैनात 26 बीट पुलिस अधिकारियों को अत्याधुनिक मोबाइल फोन वितरित किए गए। यह कदम पुलिसिंग में डिजिटल तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देकर सूचनाओं के त्वरित संचार, अपराध नियंत्रण और जनता की शिकायतों के कुशल निपटान को सुनिश्चित करेगा।
प्रमुख बिंदु और विस्तृत जानकारी:
मोबाइल फोन का वितरण: एक डिजिटल क्रांति की ओर
उद्देश्य: इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य बीट पुलिसकर्मियों को आधुनिक तकनीक से लैस करना है, जिससे वे अपनी ड्यूटी को अधिक कुशलता और सटीकता से अंजाम दे सकें। यह सीधे तौर पर पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड के पुलिस को डिजिटल बनाने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।
स्थान और संख्या: काशीपुर कोतवाली में 26 बीट आरक्षियों को ये मोबाइल फोन प्रदान किए गए हैं। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस वितरण का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया, जो इस परियोजना के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
नियमित उपयोग: वितरित किए गए ये मोबाइल फोन ड्यूटी के दौरान हर बीट कर्मचारी के पास रहेंगे, जिससे वे तत्काल जानकारी जुटाने और साझा करने में सक्षम होंगे।
ई-बीट बुक ऐप: निगरानी और सूचना का नया आयाम
पुलिस मुख्यालय का नवाचार: इन मोबाइलों में विशेष रूप से पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड द्वारा विकसित किया गया “ई-बीट बुक ऐप” इंस्टॉल किया गया है। यह ऐप मैन्युअल बीट बुक की अवधारणा पर आधारित है, लेकिन डिजिटल क्षमताओं के साथ इसे अधिक शक्तिशाली बनाया गया है।
त्वरित सूचना प्रवाह: ई-बीट बुक ऐप का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य बीट क्षेत्र में घटित होने वाली किसी भी प्रमुख सूचना को बिना किसी देरी के उच्चाधिकारियों तक पहुंचाना है। इससे न केवल सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान होगा, बल्कि उसका एक व्यवस्थित और डिजिटल रिकॉर्ड भी उपलब्ध रहेगा।
बीट क्षेत्र की डिजिटल निगरानी: यह ऐप बीट क्षेत्र की चौबीसों घंटे निगरानी रखने में सहायक होगा। पुलिसकर्मी इस ऐप के माध्यम से अपने क्षेत्र की गतिविधियों को लॉग कर सकेंगे।
संदिग्ध व्यक्तियों का अंकन: किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की सूचना को तुरंत ऐप में दर्ज किया जा सकेगा, जिससे उनकी पहचान और ट्रैक करना आसान होगा।
हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी नज़र: ई-बीट ऐप बीट क्षेत्र में रहने वाले हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाएगा। उनकी गतिविधियों को ट्रैक करना और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल कार्रवाई करना संभव होगा।
शिकायतों का त्वरित निपटान बीट से संबंधित समस्त शिकायतों का निपटान इस ऐप के माध्यम से अधिक तेजी और पारदर्शिता से हो सकेगा। शिकायत दर्ज करने से लेकर उसके
समाधान तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल रूप से प्रबंधित की जाएगी।
व्यापक प्रभाव: मजबूत और अत्याधुनिक पुलिसिंग यह पहल संपूर्ण जनपद के सभी थानों में बीट पुलिसिंग को और अधिक मजबूत और अत्याधुनिक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डिजिटल उपकरण पुलिसकर्मियों को अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय लेने और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद करेंगे।
यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और पुलिस-जनता के बीच विश्वास को मजबूत करने में भी सहायक होगा।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि यह डिजिटल पहल पुलिस बल को आधुनिक चुनौतियों का सामना करने और अपराध पर अधिक प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने में सशक्त करेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये मोबाइल फोन और ई-बीट बुक ऐप, बीट पुलिसकर्मियों को अपनी जिम्मेदारियों को अधिक कुशलता से निभाने में मदद करेंगे, जिससे अंततः जनता को सुरक्षित और बेहतर माहौल मिलेगा।