



हरियाणा समेत उत्तर पश्चिम राज्यों में मानसून सक्रिय: आज से शुरू होगी झमाझम बारिश, दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट
हिसार
हरियाणा में पिछले कुछ समय से मानसून की गतिविधियां शांत पड़ी हैं। इससे हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से लोगों को उमस से जूझना पड़ रहा है। वहीं, दिन का तापमान पिछले तीन दिन में दो से तीन डिग्री बढ़ा है।
कई जिलों में खराब हुआ मौसम – फोटो : अमर उजाला
हरियाणा समेत उत्तर पश्चिम राज्यों में मानसून सक्रिय हो गया है। इससे पूरे हरियाणा में बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। छह से नौ जुलाई के बीच राज्य के कई इलाकों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि छह व सात जुलाई को उत्तर हरियाणा के यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला, करनाल, कुरुक्षेत्र व कैथल के एक या दो से तीन स्थानों पर 12 सेमी व उससे अधिक बारिश होने की संभावना है। पूर्वी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसके लिए मौसम विभाग ने छह व सात जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
हरियाणा में पिछले कुछ समय से मानसून की गतिविधियां शांत पड़ी हैं। इससे हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से लोगों को उमस से जूझना पड़ रहा है। वहीं, दिन का तापमान पिछले तीन दिन में दो से तीन डिग्री बढ़ा है। इसी का असर है कि शनिवार को सिरसा में अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक रहा। चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया, मानसून इस इलाके में सक्रिय हो गया है। इससे अगले दो से तीन दिन बारिश की गतिविधियां बढ़ेगी। शनिवार को राज्य के कई इलाकों में छिटपुट बारिश की हुई। हरियाणा में मानसून सीजन में अब 89.6 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से 25 फीसदी अधिक है।
बारिश ने खोली भाजपा सरकार की पोल : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधा है। हुड्डा का कहना है कि बारिश के मौसम में एक बार फिर भाजपा सरकार की पोल खुल गई है। एक तरफ जहां, गलियों, सड़कों, हाईवे और खेतों में लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ कचरे के ढेर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
सरकार की बदइंतजामी का हाल यह की हरियाणा के 6 नगर निगमों, 12 नगर परिषदों और 27 नगर पालिकाओं में कचरा उठाने व सफाई के टेंडर समाप्त होने के बाद नए टेंडर नही हुए। इस वजह से 45 शहरों में कचरा उठान का काम कई दिनों से बंद पड़ा है। 19,000 टन कूड़ा सड़कों पर बिखरा हुआ है। बारिश के इस मौसम में सड़कों पर सड़ रहे इस कचरे से संक्रमण और कई बीमारियां फैलने के आसार तो है ही, साथ ही इससे सीवरेज भी जाम हो सकते हैं।
हुड्डा ने कहा चिलचिलाती गर्मी के बीच जिस बारिश को राहत बनना चाहिए था, वह सरकारी बदइंतजामी के चलते आफत बन गई है। रोहतक की सड़कों से लेकर कुरुक्षेत्र के खेतों तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। क्योंकि बार-बार चेताने के बावजूद ना तो सरकार ने समय रहते अपनी सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त किया और ना ही नदियों के तटबंधों को मजबूत किया।