



काशीपुर। प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल को रोकने के लिए एक जुलाई से सरकार सिंगल यूज़ वाले प्लास्टिक पर बैन लगाने जा रही है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले साल एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर प्रतिबंध की घोषणा की थी। पर्यावरण मंत्रालय के तहत गवर्नमेंट बॉडी सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने उन आइटम की एक लिस्ट जारी की है, जिनका इस्तेमाल आप अगले महीने से नहीं कर सकेंगे। नए सर्कुलर के अनुसार, एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके तहत, सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम के मैन्युफैक्चरिंग, इंपोर्ट, स्टॉकिंग, डिस्ट्रीब्यूशन, बिक्री और इस्तेमाल पर बैन लगाया गया है।
सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब प्लास्टिक से बनी उन प्रोडक्ट से है जिसे एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आसानी से डिस्पोज नहीं किए जा सकते। सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के तहत वस्तुओं की पैकेजिंग से लेकर बोतलों (शैम्पू, डिटर्जेंट, कॉस्मेटिक्स), पॉलिथीन बैग, फेस मास्क, कॉफी कप, क्लिंग फिल्म, कचरा बैग, फूड पैकेजिंग जैसी चीजें आती हैं। एक जुलाई से सरकार जिन सिंगल यूज़ वाले प्लास्टिक पर बैन लगाने जा रही है उनमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, सजावट वाले थर्माकोल, प्लास्टिक प्लेट, कप, प्लास्टिक पैंकिंग आइटम, प्लास्टिक के इनविटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक और पीवीसी। पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी नरेश गोस्वामी ने कंज्यूमर्स से प्लास्टिक के बजाय इको-फ्रेंडली विकल्प चुनने का अनुरोध किया है। उदाहरण के लिए, सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों के बजाय कॉटन की थैलियों का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। सर्कुलर में कहा गया है, “प्लास्टिक की थैलियों की जगह नेचुरल क्लोथ का इस्तेमाल किया जा सकता है. ऑर्गेनिक कॉटन, ऊन या बांस से बने टिकाऊ कपड़े धोने पर प्लास्टिक के रेशे नहीं छोड़ते हैं।” श्री गोस्वामी ने बताया कि प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री व इस्तेमाल करने वालों पर कार्यवाही होना तय है। हालांकि, उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में कोई उत्पादन इकाई नहीं है। सिडकुल पंतनगर व जसपुर की इकाई को पहलेही बंद कराया जा चुका है।