काशीपुर। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक निजी अस्पताल में कंपाउंडर की मौत के मामले में अस्पताल के डॉक्टर, कंपाउंडर व गार्ड के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद से अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। ग्राम खानपुर बंद थाना असमोली संभल यूपी निवासी मलखान महराज ने अपने अधिवक्ता संजीव आकाश के माध्यम से न्यायालय में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें कहा कि उसका भाई प्रदीप कुमार उजाला हॉस्पिटल काशीपुर में 13 वर्षों से कंपाउंडर के पद पर कार्यरत था। घटना के सात दिन पहले प्रदीप ने बताया था कि स्टाफ व प्रबंधन से उसकी लड़ाई और गाली गलौज हुई है, जो षड्यंत्र के तहत उसे फंसा सकते हैं। 14 नवंबर 2021 को उसकी पत्नी को सूचना दी गई कि उसके पति प्रदीप की तबियत खराब है। जब वह हॉस्पिटल पहुंची, तो उसे एक कमरे में अंदर बैठा लिया गया और प्रदीप से नहीं मिलने दिया गया। करीब डेढ़ घंटे बाद मिलवाया गया, जो मृत अवस्था में था। मलखान ने कहा कि जब वह खुद हॉस्पिटल पहुंचा, तो उसने देखा कि प्रदीप के सिर के पिछले हिस्से में चोट लगी हुई थी और वह खून से लथपथ था। प्रदीप के दोनों हाथों के अंगुठों पर नीली स्याही के निशान थे।
कुछ लोगों ने बताया कि हॉस्पिटल में तैनात कंपाउंडर सचिन, शिवम, शियाने आलम, डॉ. अमित व गार्ड धर्मेंद्र ने मिलकर षड्यंत्र के तहत प्रदीप की हत्या की है। मामले की तहरीर पुलिस को दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्यायालय ने अधिवक्ता को ऑनलाइन सुना और पत्रावली में उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र स्वीकार कर थानाध्यक्ष काशीपुर को मामले में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं।