रूद्रपुर। संस्कृत भाषा सैकड़ों वर्ष पूर्व देवलोक से भारत वर्ष की पावन भूमि पर आई है। संस्कृत के श्लोकों पर आधारित विज्ञान आज विकास की बुलंदियों को छू रहा है। यह बात महा मंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज ने आज भंजूराम अमर इंटर कालेज में उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी देहरादून के द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु संस्कृत प्रतियोगिताओं का शुभारंभ करने के पश्चात अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 1920 में स्वामी अमरदेव जी ने सर्वप्रथम संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की। आज यह भाषा जन जन तक पहुंच गई है। उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए उत्तराखण्ड सरकार की सराहना करते हुए सभी प्रतिभागियों को अपना आशीर्वाद दिया और उन्होनें छात्रों से आग्रह किया कि संस्कृत हमारी सभी भाषाओं की जननी है इस तरह की प्रतियोगिताओं से अपनी भाषा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ेगा और संस्कृत भाषा समाज में भाई-चारा और प्रेम बढ़ाना का माध्यम बनेगी। हमारी भाषा में ही वसुदेव कुटुम्बकम् की मूल भावना निहित है हम सारे संसार को अपना परिवार मानते हैं इस तरह के भाव किसी अन्य भाषा में नहीं पाया जाते हैं। उन्होंने कहा राष्ट्रीय भाषा हिंदी संस्कृत की ही बेटी है। स्वामी धर्मदेव जी ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बच्चों को अपना आर्शीवाद दिया। अपने संबोधन में समाजसेवी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारत भूषण चुघ ने कहा की प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय या तृतीय स्थान प्राप्त करना इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करना। उन्होंने श्री महाराज जी से यहां संस्कृत महाविद्यालय स्थापना करने का आग्रह किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य एन एल गंगवार ने कहा कि प्रतियोगिता का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। इसी क्रम में जनपद ऊधम सिंह नगर की जनपदीय प्रतियोगिता आज से भंजूराम अमर इण्टर कॉलेज, भूरारानी में किया जा रहा है। जिसमें वरिष्ठ व कनिष्ठ दो वर्ग होगें। वरिष्ठ व कनिष्ठ वर्गों में छः प्रकार की प्रतिस्पर्धाऐं होगी। जिसमें संस्कृत नाटक, संस्कृत समूहनृत्य, संस्कृत समूहगान, संस्कृत आशुभाषण, संस्कृत वाद-विवाद व श्लोकोच्चारण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता मे जनपद के सात ब्लाकों के 87 विद्यालयों के बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं।कार्यक्रम का संचालन जिला संयोजक शसुभाष चन्द्र मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के प्रबन्धक सुरेश गांधी, सरस्वती वि०म० के प्रधानाचार्य नीरज अग्रवाल, अ०न०झा०कॉ० के दयाशंकर पाण्डेय, खण्ड शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद, पूर्व सी एम ओ डा. पी एन सिंह, सह संयोजिका डा. किरण बाला पाण्डेय, अनीता पंत, राजकुमुद पाठक, मनोज जोशी, नीना गुप्ता, कमला पांडेय, शोभा जायसवाल, शिवाश्रय ठाकुर, डा. देवेश गंगवार, मोतीराम साहू, राज कोली, अमित गौड आदि उपस्थित थे। अन्त में विद्यालय के प्रधानाचार्य एन०एल० गंगवार् ने धन्यवाद ज्ञापित किया।