



यूसीसी देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के खिलाफ : अलका पाल
काशीपुर : पीसीसी सदस्य एवं उत्तराखंड शासन द्वारा तीलू रोतेली पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता अलका पाल ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने यूसीसी लागू कर उत्तराखंड की गौरव पूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत के ताने_वाने को कमजोर करने का काम किया है। केवल केंद्र के आकाओं को खुश करने के लिए उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय देवभूमि की सांस्कृतिक_धार्मिक और सामाजिक रिश्तो को कमजोर करने वाला कदम साबित होगा। उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अलका पाल ने कहा कि सरकार ने कानून के माध्यम लिव लाइव इन रिलेशनशिप को वैधानिक मान्यता दी है जो की समाज के पतन का कारण ही नहीं वरन उत्तराखंड की संस्कृति के साथ गंदा मजाक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस कानून को बनाने से पहले इस विषय पर विचार नहीं किया कि भारतीय सामाजिक मूल्यों में इस तरह के रिश्तों को सम्मानजनक दृष्टि से नहीं देखा जाता। इस तरह के रिश्ते से उत्पन्न संतान भी समाज में उस तरह का सम्मान नहीं प्राप्त कर पाती जिसकी वह हकदार होती है। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री अलका पाल ने प्रहार करते हुए कहा कि राज्य सरकार को देवभूमि उत्तराखंड के पवित्र सामाजिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है। राज्य सरकार की इस हठधर्मिता का कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी।