पंतनगर। विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वित्त पोषित खरपतवार नियंत्रण परियोजना के अन्तर्गत राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नगला, में जागरूकता सप्ताह के अंतिम दिन एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विद्यालय के लगभग 190 विद्यार्थी, प्रधानाध्यापिका सहित 20 अध्यापिकाओं, परियोजनाधिकारी एवं विभागाध्यक्ष, डा. वीरेन्द्र प्रताप सिंह; वरिष्ठ शोध अधिकारी, डा. तेज प्रताप एवं डा. शैलेंद्र प्रताप सिंह तथा वरिष्ठ शोध अध्यता एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापिका, डा. विनीता राठौर ने किया। कार्यक्रम में डा. तेज प्रताप ने गाजर घास से होने वाले नुकसान, प्रबंधन एवं उन्मूलन के बारे में बताया तथा डा. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने गाजर घास के जैविक नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को संदेष दिया कि इस गाजर घास के बारे में विद्यार्थी कम से कम पांच व्यक्तियों को जागरूक करके इस घास का उन्मूलन करायेगें जो उनके अपने परिवार से ही शुरू होगा। परियोजनाधिकारी, डा. वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में गाजर घास की भारतवर्ष में प्रवेश से लेकर अब तक की परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी तथा समाज के सभी लोगों को जागरूक कर इसे अभियान के रूप में अपनाकर गाजर घास को विष्वविद्यालय परिसर से समाप्त करने पर बल दिया। गाजर घास के प्रबंधन एवं उन्मूलन के क्रम में वाद-विवाद प्रतियोेगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें 21 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग लिया। डा. शैलेंद्र प्रताप सिंह एवं डा. विनीता राठौर ने प्रतियोगियों में चार सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी क्रमषः कु. रिया खत्री प्रथम, कु. राधा द्वितीय, कु. श्रद्धा तृतीय एवं उषा कोरंगा चौथे स्थान पर रही जिनकों ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में शैलेंद्र प्रताप सिंह ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को कार्यक्रम में भाग लेने पर धन्यवाद ज्ञापित किया।