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उल्लेखनीय है कि तराई को बसाने में अहम भूमिका निभाने वाले पंडित राम सुमेर शुक्ल के सबसे बड़े पुत्र रमा शंकर शुक्ल के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके निवास पर पहुंचकर उनके फ़ोटो पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित की| इस दौरान उन्होंने उनके चारो पुत्रों क्रमशः राजीव शंकर शुक्ल,रविशंकर शुक्ल,अजय शंकर शुक्ल और अमित शंकर शुक्ल और अन्य परिजनों से मिलकर अपनी संवेदना प्रकट की| इस दौरान उन्होंने कहा कि श्री शुक्ल बहुत ही सौम्य, सरल और व्यवहार कुशल राजनीतिज्ञ थे | उन्होंने अपने पिता के मान सम्मान और परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए आखिरी समय तक कांग्रेस के लिए समर्पित रहे| उनके देहांत से हुई क्षति को नही भरा जा सकता| मुख्यमंत्री ने परिवार के सभी सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें ढाढस बढ़ाया|
श्री शुक्ल तराई के कद्दावर नेताओं में शुमार थे | वह पंडित नारायण दत्त तिवारी के नजदीकी लोगों में गिने जाते थे,तराई विकास संघ के प्रशासक,जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष,किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सहित अनेक पदों पर रहकर श्री शुक्ल ने सेवाएं दी| मृदुभाषी श्री शुक्ल कांग्रेस की मुखर आवाज थे,उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है|
श्री शुक्ल अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ा है| उनके परिवार में राजीव शंकर शुक्ल, रविशंकरशुक्ल, अजय शंकर शुक्ल, अमित शंकर शुक्ल, रक्षित शुक्ल, अक्षित शुक्ल, सूर्यांश शुक्ल, ईशान शुक्ल, आदिश शुक्ल, तारुष शुक्ल, पूनम शुक्ल, निरुपमा शुक्ल, आराधना शुक्ल, अनुभा शुक्ल, सपना शुक्ल, सारिका शुक्ल आदि परिजन है|