कांग्रेसियों ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

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काशीपुर। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर द्रोणासागर रोड स्थित कांग्रेस नवचेतना भवन में आयोजित कार्यक्रम में समस्त कांग्रेस जनों द्वारा नेताद्वय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सर्वसम्मति से कांग्रेस नवचेतना भवन का नाम अब तिवारी-गुड़िया भवन रखने का प्रस्ताव पारित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुशील गुड़िया ने, जबकि संचालन कार्यकारी महानगर अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में कांग्रेस नेत्री डॉ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने कहा कि आयरन लेडी इंदिरा गांधी का जीवन कठिनाइयों के बीच व्यतीत हुआ। वर्ष 1938 में वह औपचारिक तौर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुईं और 1947 से 1964 तक अपने प्रधानमंत्री पिता पं. जवाहर लाल नेहरू के साथ उन्होंने काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी को राजनीति विरासत में मिली थी और ऐसे में सियासी उतार-चढ़ाव को वह बखूबी समझती थीं। यही वजह रही कि उनके सामने न सिर्फ देश, बल्कि विदेश के नेता भी उन्नीस नजर आते थे। पिता के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी में इंदिरा गांधी का ग्राफ अचानक काफी ऊपर पहुंचा और लोग उनमें पार्टी एवं देश का नेता देखने लगे। वह सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वह देश के सबसे शक्तिशाली पद ‘प्रधानमंत्री’ पर आसीन हुईं। कांग्रेस नेत्री अलका पाल ने कहा कि एक समय गूंगी गुड़िया कही जाने वाली इंदिरा गांधी साहसिक फैसले लेने के चलते बहुत तेजी से भारतीय राजनीति के आकाश पर छा गईं ।
वर्ष 1975 में आपातकाल लागू करने का फैसला करने से पहले भारतीय राजनीति एक ध्रुवीय सी हो गई थी जिसमें चारों तरफ इंदिरा ही इंदिरा नजर आती थीं। अन्य वक्ताओं ने कहा कि आज देश में आरएसएस विचारधारा के चलते कौमी एकता को तोड़ा जा रहा है। भाजपा विकास नहीं देश का विनाश करने पर उतारू है। वक्ताओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर भी प्रकाश डाला। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री मुक्ता सिंह, अनुपम शर्मा, सुशील गुड़िया, डॉक्टर दीपिका गुड़िया आत्रेय, जितेन्द्र सरस्वती, उमेश जोशी एडवोकेट, अरुण चौहान, इंदुमान, अलका पाल, महेंद्र लोहिया, ब्रह्मा सिंह पाल, मंसूर अली मंसूरी, विमल गुड़िया, साबिर हुसैन व संजय चतुर्वेदी आदि तमाम कांग्रेस जन मौजूद रहे।


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