वसुन्धरा दीप डेस्क, देहरादून। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल अपने पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार मीडिया से रुबरु हुए। उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में इस्तीफा देने के बाद भगत सिंह कोश्यारी ने अपना अनुभव मीडिया के साथ साझा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ठीक न रहने के चलते उन्होंने इस्तीफा देना उचित समझा है। जिसके लिए उन्होंने पीएम मोदी से इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद पीएम ने उनका सम्मान किया व इस्तीफा स्वीकार किया। कहा कि उनकी एक इच्छा और कल्पना है कि उत्तराखण्ड आत्मनिर्भर बने। उत्राखण्ड प्रदेश समृद्धि भरा हो, यही आशा है। इस क्षेत्र में कैसे आगे बढ़े इसके लिए कोर्डिनेशन होना चाहिए, उसी दिशा में अब काम करुंगा। घोस्ट विलेज कैसे आबाद हों, इस पर कार्य किया जायेगा। उत्तराखण्ड का आत्मनिर्भर बनाना हर उत्तराखण्डवासी का सपना है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेशहित में कार्य किये जाने को सराहा और कहा कि राजनीति में कोई किसी का शिष्य नहीं होता। सीएम धामी प्रदेश में बेहतर कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। वहीं महराष्ट्र की बीती यादों को भी भगत दा ने साझा किया और कहा कि महाराष्ट्र भी उत्तराखण्ड जैसा है। उन्होंने महाराष्ट्र की जनता से कोई गलती हुए जाने पर क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि मैंने सदैव महाराष्ट्र के हित के लिए कार्य किया है, कभी कोई गलत बयानबाजी नहीं की है।
पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि मैं हर अच्छे कार्य करने वाले के साथ मिलकर चलता हूं। इस दौरान उन्होंने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की मुहिम के बारे में भी जिक्र किया। कहा कि यदि बलूनी जी की मुहिम अच्छी है तो मैं उसे भी आगे बढ़ाने का कार्य करुंगा। साथ ही भगत दा ने विपक्ष पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अगर अच्छा कार्य करेंगे तो मैं भी उनका साथ दूंगा लेकिन कभी उनके जैसा एक घंटे का मौन नहीं रखूंगा।