सीएम के आश्वासन पर पूर्व विधायक शुक्ला ने धरना समाप्त किया

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सीएम के आश्वासन पर पूर्व विधायक शुक्ला ने धरना समाप्त किया

 

 

शुक्ला का दावा सीएम ने दबाव में एसडीएम का ट्रांसफर न करने की बात कही

 

 

किच्छा:- मुख्यमंत्री से हुई टेलिफोनिक वार्ता के बाद धरना स्थल पहुंचे अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय ने पूर्व विधायक राजेश शुक्ला का अनिश्चितकालीन धरना समाप्त कराया, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व विधायक राजेश शुक्ला को आश्वस्त किया कि किसी के धरने के दबाव में किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा।

विगत चार दिनों से चल रहे धरने पर आज सैकड़ो की संख्या में पहुंचे व्यापारी, जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी, भूमिहीन एवं किसानों ने पूर्व विधायक राजेश शुक्ला के धरना को अपना समर्थन दिया।

विधायक तिलकराज बेहड़ के धरने के खिलाफ धरने पर बैठे पूर्व विधायक राजेश शुक्ला को मनाने में प्रशासन कामयाब रहा। एडीएम पंकज उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि संस्था का विवाद वैधानिक फोरम पर जा चुका है वहां से निस्तारण होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। लोकल स्तर पर किसी अधिकारी पर दबाव बनाकर चुनाव नहीं कराया जा सकेगा। जिसके बाद पूर्व विधायक शुक्ला ने अपना धरना समाप्त कर दिया है। राजेश शुक्ला का दावा है कि सीएम से बातचीत में उनको आश्वासन मिला है कि किसी भी नेता के दबाव में अधिकारी का तबादला नहीं होगा। इसके बाद शुक्ला ने प्रेस में कहा कि सत्य की जीत हुई है, हम व्यापारियों के साथ हैं लेकिन विधायक ने व्यापारियों के कंधे पर बंदूक रखकर एसडीएम को हटाने की साजिश की, जिसमें वो नाकाम साबित हुये हैं। कहा कि हमने व्यापार मंडल चुनाव में फर्जीवाड़े के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उसमें हमें जीत मिली है। प्रशासन ने धोखे में रखकर किये जा रहे चुनाव पर रोक लगा दी है। अब उप निबंधक हल्द्वानी के निर्देश का स्थानीय प्रशासन ने पालन कराया है। कहा कि हम चुनाव के विरोध में नहीं है, चुनाव होगा लेकिन नियमानुसार होगा। कहा कि बेहड़ ने अपनी पकड़ बनाने के लिये व्यापारियों को मोहरा बनाया, उनकी कलाई खुल गयी है। आज किच्छा का व्यापारी जान गया है कि बेहड़ उनको इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन अब व्यापारी उनकी साजिश का हिस्सा नहीं बनेगा। कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि किच्छा में ठाकुर दास सुखीजा, महेंद्र चावला के सपनों का व्यापार मंडल संगठन अच्छे व्यापारियों के साथ खड़ा होगा। कहा कि उन्हें खेद है कि उनको बीच में उठकर जाना पड़ है लेकिन ऐसा इसलिये क्योंकि बेहड़ ने मुझे मारने की बात कहकर भाईचारे को खत्म कर दिया है। अब लड़ाई राजनीतिक है। कहा कि वो एसडीएम को हटाने के लिये अपनी ताकत लगाएं, देखते हैं कि एसडीएम कैसे हटता है। वहां पर संदीप अरोरा, संजीव कुमार सिंह, राजकुमार बजाज, विजय अरोरा, नितिन फुटेला, कमलजीत सिंह बठला, सचिन शुक्ला, मुकेश कोली, महेंद्र पाल, गोल्डी गोराया, अवरिल तिवारी, ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव, भूमिहिन नेता वंदना कुशवाहा, मूलचंद राठौर, कुलदीप बग्गा, शिवकुमार यादव, अखिलेश यादव, संजीव पांडे, मयंक तिवारी, नारायण पाठक, मोहन तिवारी, आदेश मिश्रा, ज्योति जड़िया, संगीता शर्मा, जानकी तिवारी, मीना शर्मा, नितिन मिश्रा, विपिन मिश्रा, राजेश कश्यप, अमृतपाल रंधावा, गोपाल सिंह पटेल, सुरेंद्र चौधरी, कुंदन लाल खुराना, हर्ष खुराना, सुभाष तनेजा आदि मौजूद रहे।


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