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देहरादून। उत्तराखण्ड की हल्दी को नया बाजार देगा ग्राफिक एरा। प्रोजेक्ट ’गाजणा’ के तहत ग्राफिक एरा व यूकोस्ट के सहयोग से उत्तराखण्ड के हिमालीय क्षेत्रों में उगाई जाने वाली उच्च कुर्कुमिन युक्त हल्दी को देश-विदेश में कोने-कोने तक पहुॅचाएगा। इससे इससे न सिर्फ उत्तराखण्ड से पलायन रूकेगा बल्कि गांवों की आर्थिकी मजबूत और बंजर पड़ी भूमी भी गुलजार होगी।
देश में उगाई जाने वाली हल्दी में अमुमन 5-6 प्रतिशत कुर्कुमिन पाया जाता है। ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वद्यिालय के लाईफ साइंस विभाग द्वारा किए गए शोध में उत्तराखण्ड के हिमालीय क्षेत्रों में उगाई जाने वाली हल्दी में इसकी मात्रा 9.5 से 10 प्रतिशत पाई गई। इसके बाद विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक तरीकों से इन क्षेत्रों में हल्दी की खेती की।
आज ग्राफिक एरा में उत्तराखण्ड के डायरेक्टर इंस्ट्टिूयूट्स सुबोध नौटियाल की मौजूदगी में विश्वविद्यालय के कुलपति डा. संजय जसोला और लाईफ सांइस के विभागाध्यक्ष डा. आशिष थपलियाल ने उच्च कुर्कुमिन युक्त हल्दी को बाजार में लांच किया।