किच्छा में सिरौली कला को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कांग्रेस न्यायालय की आड़ में सिरौली कला को नगर पालिका बनाने की राह में रोड़े अटका रही है!

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किच्छा में सिरौली कला को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कांग्रेस न्यायालय की आड़ में सिरौली कला को नगर पालिका बनाने की राह में रोड़े अटका रही है!

उक्त उद्गार सिरौली कला के वार्ड 19 में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुसलमानो का भला नहीं चाहती सिर्फ उनका वोट चाहती है, कांग्रेस चाहती है कि मुसलमान पिछडा रहे और उन्हें वोट करके कुर्सी देता रहे। शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सिरौली कला में खुले मंच पर हमसे बहस करें और बताएं कि सिरौली कला को नगर पालिका बनाने का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फैसला क्यों गलत है? इससे सिरौली कला का क्या नुकसान होगा? उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस का बड़ा से बड़ा नेता सिरौली कला में खुली जनसभा करें तथा आमने-सामने जनता के समक्ष मुझसे बहस करके नगर पालिका बनने से सिरौली कला के नुकसान और फायदे पर खुली बहस करें।
शुक्ला ने कहा कि यहां 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सिरौलीकला की जनसभा में इंटर कॉलेज बनाने की घोषणा की थी जिसे पूरा नहीं किया। 2022 के चुनाव के पूर्व भी सिरौली समेत तमाम मुस्लिम आबादी को कांग्रेस प्रत्याशी ने सब्ज बाग दिखाएं लेकिन जीतने के बाद उनकी चिंता या विकास करना तो दूर उनके लिए भाजपा सरकार द्वारा नगर पालिका दिए जाने का भी विरोध स्पष्ट करता है कि वोट चाहिए तरक्की नहीं।
शुक्ला ने कहा कि उन्होंने विधायक रहते सिरौली कला के विकास के लिए इसे किच्छा नगर पालिका में मिलाया था लेकिन सिरौली के वोट से जीते कांग्रेसी पालिका अध्यक्ष ने सिरौली कला का विकास अवरुद्ध किया, जिसके कारण उन्होंने सिरौली कला को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से किच्छा में घोषणा कराकर नगर पंचायत का दर्जा दिलाया, कांग्रेस को लगा कि सिरौली अलग होने से किच्छा में कांग्रेस नहीं जीत पाएगी। सिरौली कला के कांग्रेसियों ने विधायक के इशारे पर कोर्ट में रीट डाली, कहा गया कि सिरौली का दर्जा कम हो गया, नगर पालिका से नगर पंचायत बन गई और जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिरौली कला को अलग नगर पालिका बना दी तो अब फिर कोर्ट में रीट डाली गई है, मतलब साफ है मुसलमान वोट दे लेकिन खुद मुख्तार बनाकर अपना विकास ना कर सके। शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की असलियत उजागर करने के लिए वह गांव-गांव जाएंगे और जनता को कांग्रेस का विकास विरोधी चेहरा की असलियत बताएंगे।
इससे पूर्व कार्यक्रम संयोजक शकील खा ने कहा कि पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने किच्छा में एम्स से लेकर सिरौली कला तक नहर की कवरिंग कर सड़क बनाने की स्वीकृति/घोषणा कराई थी, उसके प्रथम चरण का पैसा जारी भी हुआ जिससे कुरेशी मोहल्ले तक सड़क बन रही है लेकिन मौजूदा कांग्रेस विधायक उसकी अगली किस्त नहीं ला पाए, यदि पूर्व विधायक राजेश शुक्ला 2022 में चुनाव नहीं हारे होते तो अब तक यह नहर कवरिंग पूरी हो चुकी होती।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व जिला अध्यक्ष गफ्फार खान ने कहा कि 2022 के चुनाव के पहले पूरे मुस्लिम क्षेत्र में एक अफवाह फैलाई गई थी कि शुक्ला जी मुसलमानो के खिलाफ हैं जिससे मुझ समेत तमाम मुस्लिम गुमराह हो गए और भटककर कांग्रेस को वोट दे बैठे, लेकिन आज हार जाने के बाद भी पूर्व विधायक राजेश शुक्ला क्षेत्र के विकास एवं सभी का भला सोच रहे हैं जबकि कांग्रेस के विधायक मुस्लिम क्षेत्र सिरौली कला को नगर पालिका बनने से रोक रहे हैं और दरऊ में कब्रिस्तान की जमीन कब्जा करने वालों को बचाने के लिए धरना दे रहे हैं।
पूर्व जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा इफ्तार मियां ने कहा कि शुक्ला ने अपने विधायक काल में एम्स, डिग्री कॉलेज, नगर पालिकाएं, एसडीएम कोर्ट एवं मुंशी कोर्ट, बिजली के अधिशासी अभियंता कार्यालय समेत दर्जनों बड़े काम किए, हाईटेक बस अड्डा बनाया, लोगों के इलाज, शिक्षा एवं रोजगार के रास्ते खोले, आज अगर ये विधायक होते तो किच्छा देश के मानचित्र पर आ गया होता, हारने के बाद भी हराने वालों की चिंता करके उन्होंने नगर पालिका का तोहफा देना शुक्ला का बड़प्पन है इसका अगले चुनाव में उन्हें लाभ मिलेगा।
सभा को शक्ति केंद्र संयोजक बाबू अल्वी, बूथ अध्यक्ष खुर्शीद खा, नाजिम मलिक, जीशान खान, इकराम मियां ने भी संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता मंडल महामंत्री मुकेश कोहली ने की।
कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा हारून मलिक, ततीर अहमद, कार्यक्रम संयोजक शकील खान, खुर्शीद खान ,दानिश राजा ,मोहम्मद अहमद, अतीक अहमद ,बाबू खान ,रफत मियां ,अकरम खान ,याकूब अहमद ,रुखसार मियां ,मूसरिया हाजी, हाजी सकुर अहमद, हुजूर अहमद ,मोहम्मद तालिब, फरियाद खान ,अब्बास अली, नवाब राज ,मोहम्मद शमसुद्दीन, इकरार अहमद, चांद खान, अरबाज खान ,तस्लीम खान, शाहिद अहमद ,शब्बीर मियां, फिरोज खान, इकरार अहमद, पप्पू खान ,एजाज अहमद, तकदीर अहमद, आशिक हुसैन ,अल्ताफ खान ,मुजीब खान ,हबीब अहमद ,फारूक अहमद ,राशिद खान ,अली बहादुर ,सरफराज अली ,इश्तियाक खान ,ततीर अहमद ,बाबू अल्वी समेत हजारों लोग उपस्थित थे।


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