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खालसा फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रपति को उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा
काशीपुर। उत्तर प्रदेश के युवा सिख मनजोत सिंह छाबड़ा की हत्या की जांच सीबीआई से कराये जाने को लेकर खालसा फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। उपजिलाधिकारी कार्यालय में सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि सरदार मनजोत सिंह छाबड़ा पुत्र हरजोत सिंह छाबड़ा असदुल्लापुर तहसील मिलक जनपद रामपुर का निवासी था, जिसने उत्तर प्रदेश में रहकर अपनी 12वीं की परीक्षा 94 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण की तथा आगे समाज सेवा के लिए डॉक्टर बनने का सपना लेकर राजस्थान के कोटा में अपनी पढ़ाई करने गया था। 3 अगस्त 2023 को हॉस्टल बसंती रेजिडेंसी से फोन आता है कि मनजोत सिंह छाबड़ा ने आत्महत्या कर ली है लेकिन मौके पर पहुंचे परिवार के नजदीकी रिश्तेदार को मैनेजर मुकेश शर्मा ने बताया कि कि मनजोत ने रात में खाना खाने के बाद सुबह तक जब दरवाजा नहीं खोला और दरवाजा तोड़ा गया तो वह मृत अवस्था में पाया गया, जबकि मृत्यु के समय मनजोत सिंह छाबड़ा के दोनों हाथ पीछे से बंधे थे और मुंह पर पॉलिथीन बंधी थी। साफ प्रतीत हो रहा था कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है। उनके परिवार के वहां पहुंचने पर हॉस्टल मैनेजमेंट ने इस पूरी घटना को आत्महत्या बताकर धारा 174 के तहत आत्महत्या की पहली रिपोर्ट दर्ज की। जब परिवार ने राजस्थान की सरकार व पुलिस को इसकी जानकारी दी। परिवार के दबाव बनाने पर राजस्थान की कोटा पुलिस ने हॉस्टल के मैनेजर मुकेश शर्मा, उमेश श्रीवास्तव हॉस्टल के मालिक केएफ शाह पर एफआईआर दर्ज की। अभी भी मनजोत की हत्या के निशान हॉस्टल के द्वारा मिटाए जा रहे हैं ताकि उसकी हत्या को आत्महत्या बनाया जा सके। पीड़ित परिवार बार-बार राजस्थान सरकार और पुलिस से गुहार लगा रहा है पर कोटा के एसएसपी का कहना है कि आईओ छुट्टी पर गए हैं। इतनी गंभीर घटना के बाद राजस्थान सरकार व पुलिस की संवेदनहीनता सिख समाज व पीड़ित परिवार को न्याय न देते हुए दीख रही है। ज्ञापन में आग्रह किया गया है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए ताकि मामले का राजफाश हो सके। ज्ञापन सौंपने वालांे में
देवेन्द्र सिंह, जसपाल सिंह चड्डा, जगजीत सिंह कोहली, रंजीत सिंह छाबड़ा, जितेन्द्र पाल सिंह, हरजीत सिंह, विपिन अग्रवाल, राजेन्द्र सिंह, गुरविन्दर सिंह चण्डोक, सतपाल सिंह, रंजीत सिंह, हरविन्दर सिंह कोहली, हरविन्दर सिंह सेठी, रतन सिंह, अमरपाल सिंह व कुलवंत सिंह प्रधान आदि थे।