*पति के रहते विधवा पेंशन बनवाने का लगाया आरोप*
काशीपुर। एक व्यक्ति ने एक महिला पर अपने जिंदा पति को मृत दिखाकर विधवा पेंशन हासिल करने का आरोप लगाया है। इस कृत्य में महिला की बेटी भी शामिल बतायी गयी है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मां-बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। मौ. काजीबाग निवासी उबेदुर्रहमान अंसारी पुत्र स्व. श्मशाद हुसैन ने न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि खैरुलनिशा पत्नी मौहम्मद इकबाल व अन्जुम इकबाल पुत्री मौहम्मद इकबाल मौ. कटोराताल, काशीपुर की रहने वाली हैं। जिसने नाजायज नफा कमाने की गरज और सरकार को क्षति पहुंचाने की गरज से स्वयं को विधवा दिखाकर अपने पति मौहम्मद इकबाल को जीते जी मरा दिखाकर विधवा पेंशन का फार्म भरा, जो विभागीय कर्मचारियांे की मिली भगत से एक षडयन्त्र के तहत स्वीकार भी हो गया। उबेदुर्रहमान ने बताया कि खैरुलनिशा की पुत्री अन्जुम इकबाल कम्प्यूटर की अच्छी जानकार है। खैरुलनिशा ने अपनी पुत्री अन्जुम इकबाल के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किये और अपने हक में विधवा पेंशन स्वीकृत करायी है। जबकि खैरुलनिशा का पति मौहम्मद इकबाल आज भी जीवित है। परन्तु खेरूलनिशा ने अपने पति को मृत घोषित कर विधवा पेंशन कर्मचारियों से मिलकर स्वीकृत करा ली है। खैरुलनिशा वर्ष 2013 से विधवा पेंशन ले रही है तथा खैरुलनिशा ने विधवा पेंशन का पुनः सत्यापन 17 जुलाई 2018 को कराया है। उबेदुर्रहमान ने कहा कि मौहम्मद इकबाल जीवित है और खैरुलनिशा धोखाधड़ी से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर विधवा पेंशन ले रही है। खैरुलनिशा का यह कृत्य एक अपराधिक कृत्य है। जानबूझकर जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर विधवा पेंशन लेना एक गम्भीर अपराध है, जिसमें उत्तराखण्ड सरकार को आर्थिक क्षति हो रही है और पात्र लोगों का हक मारा जा रहा है। उबेदुर्रहमान ने बताया कि सूचना अधिकार अधिनियम में खैरुलनिशा का विधवा पेंशन फार्म, विधवा पेंशन सत्यापन फार्म, आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। उसने इसकी शिकायत कटोराताल पुलिस चौकी, थानाध्यक्ष काशीपुर तथा एसएसपी उधम सिंह नगर से की गई। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर उबेदुर्रहमान की तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।