Homeउत्तराखंडकाशीपुर को तीर्थनगरी के रूप में प्रचलित करेगा केडीएफ : राजीव घई

काशीपुर को तीर्थनगरी के रूप में प्रचलित करेगा केडीएफ : राजीव घई

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*काशीपुर को तीर्थनगरी के रूप में प्रचलित करेगा केडीएफ : राजीव घई*

 

 

काशीपुर। प्रधानमंत्री के कथनानुसार कुमाऊँ को चारधाम यात्रा से जोड़ने हेतु काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ़) पुरानी मान्यता अनुसार काशीपुर को चारधाम यात्रा से जोड़ने का हर सम्भव प्रयत्न करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने कुमाऊँ भ्रमण पर कुमाऊँ के विकास में एक नई ऊर्जा संचालित की। उत्तराखंड के हिमालय पर्वत में ही सनातन धर्म की उत्पत्ति हुई है। पर्यटन की नई संभावनाओं को विश्व पटल पर उनके द्वारा आकर्षण पैदा किया। इस क्षेत्र में तीर्थ पर्यटन की अहम भूमिका का उनके द्वारा अपने भाषण में किया गया वर्णन व उन पवित्र स्थलों पर जा कर उनका चित्रण पर्यटन का अभूतपूर्व आकर्षण पैदा करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कुमाऊँ को चार धाम के साथ जोड़ने पर ज़ोर दिया व पर्यटन की आधारभूत सुविधाओं के लिये चार हजार करोड़ की योजनाओं को शुरू करने की घोषणा ने विकास की संभावनाओं को बहुत अधिक बढ़ा दिया। केडीएफ अध्यक्ष राजीव घई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केडीएफ़ का मानना है कि हमारे पवित्र पुराणों में काशीपुर को चारधाम यात्रा का महत्वपूर्ण स्थान दर्शाया गया है। यही कारण है कि यहां पवित्र चार धाम यात्रा के लिये महापुरुषों का द्रोणासागर स्थल पर आगमन हुआ है। यह काशीपुर व क्षेत्र में प्रचलित है कि प्रभु आदिगुरु शंकराचार्य बाबा ने द्रोणासागर में पंचमुखी शिवलिंग की स्थापना कर यहां से आदिबद्री के रास्ते बद्रीनाथ की यात्रा शुरू की। महासंतों में बाबा गोरखनाथ जी, संत चैतन्य महाप्रभु, रामचरित मानस रचयिता तुलसीदास जी यहां प्राय: चौमासे में आते थे। श्री गुरुनानक देव जी महाराज व स्वामी दयानन्द सरस्वती जैसे महापुरुषों के पवित्र चरणों से यह भूमि पवित्र स्थल के रूप में जानी जाती रही है। श्रवण कुमार द्वारा भी अपने माता-पिता को तीर्थयात्रा के समय द्रोणासागर में विश्राम करना इस क्षेत्र की प्रचलित गाथाओ में वर्णित किया जाता है। इस पवित्र स्थल का वर्णन चीन के प्रसिद्ध यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी किताब में वर्णित किया है। जिनका मानना है कि यहां भगवान बुद्ध के भी चरण पड़े हैं।पुरातत्व के द्वारा की गई खुदाई में ऊपर वर्णित कथन का सत्यापन किया है। इन्हीं वर्णित कहानियों के आधार पर केडीएफ़ का मानना है कि यह पवित्र स्थल सनातन धर्म, आर्य, सिख एवं बोध धर्म का एकमात्र संगम स्थल है, जिसे पवित्र तीर्थस्थल के रूप में विकसित करते हुए पुनः चारधाम यात्रा से जोड़ते हुए प्रचलित किया जाना है। वर्तमान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा द्रोणासागर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की आज की घोषणा से केडीएफ़ उनके आहवान के अनुसार चारधाम से जोड़ने होते हर संभव प्रयास कर काशीपुर को तीर्थनगरी के रूप में प्रचलित करेगा।


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