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रूद्रपुर- मुख्य रामलीला मंे विगत रात्रि खर-दूशण की खरमस्तियां, सरूपनखा नकटी, खर-दूशण वध, सरूपनखा का रावण दरबार पहुंचना, रावण का सीता हरण करनें का फैसला लेना, रावण-मारीच संवाद, पंचवटी में स्वर्ण मृग आना, राम का स्वर्ण मर्ग के पीछे जाना, लक्ष्मण सीता संवाद, साधु रावण का कुटिया में आना, लक्ष्मण रेखा ये लेकर सीता हरण व जटायु को घायल करनें तक की लीला का का मंचन हुआ। विगत रात्रि की रामलीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि रूद्रपुर नगर निगम के महापौर रामपाल सिंह, उनकी धर्मपत्नी श्रीमति अंजू रामपाल सिंह, विशिष्ट अतिथि पार्षद बबलू सागर ने दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने सभी अतिथिगणो को माल्यार्पण कर, शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया।
आज गणेश वंदना एवं राम वंदना के बाद प्रारम्भ हुयी लीला के प्रथम दृष्य में आज रावण की बहन स्वरूप घूमते फिरते पंचवटी पहुंच जाती है जहां वह राम और लक्ष्मण पर मोहित हो जाती है स्वरूप नखा तमाम जतन करके राम लक्ष्मण को रिझाने का प्रयास करती है और जब आखिर में थकहार जाती है तो भयानक रूप बनाकर सीता जी को काटने के लिए दौड़ती है यह देखकर आराम किया गया पर लक्ष्मण उसके नाम कान काट देते हैं।
घायल स्वरूप नखा दौड़कर अपने भाइयों खर और दूषण के पास पहुंचती है और उनको यह बताती है राम और लक्ष्मण ने धोखे से उसके नाक और कान काट लिए हैं । यह सुनकर खरदूषण आग बबूला हो जाते हैं। दोनों राम के साथ युद्ध करने पहुंच जाते हैं जहां पर राम उन दोनों को सेना सहित ढेर कर देते हैं।
स्वरूप नखा जब यहां समाचार लेकर रावण के दरबार पहुंचती है तो रावण अपनी बहन के अपमान के बदले में सीता को हर लाने का निर्णय कर लेता है और अपने इस निर्णय में मायावी मारीच को भागीदार बना लेता है। मारीच रावण के दबाव में स्वर्ण मार्ग बनकर पंचवटी पहुंच जाता है स्वर्ण मृग को देखकर सीता जी उसे पकड़कर लाने की जिद करती हैं तो राम उसको पकड़ने वनों में चले जाते हैं। मायावी मारीच राम की आवाज निकाल कर हाय लक्ष्मण बचाओ बचाओ की आवाज लगाता है। यह सुनकर सीता जी अपने देवर लक्ष्मण को राम जी के पीछे वनों में जाने को कहती है। सीता जी के ज्यादा जिद करने पर लक्ष्मण एक रेखा खींचकर वनों की तरफ दौड़ जाते हैं। लक्ष्मण के जाने के बाद मायावी रावण कुटिया में आने की कोशिश करता है तो उसे लक्ष्मण रेखा की शक्ति का एहसास हो जाता है । वह समझ जाता है कि अगर उसने यह लक्ष्मण रेखा पार करने का प्रयास किया तो सीता का हरण नहीं वरन उसकी खुद की मौत हो जाएगी। रावण साधु वेश धरकर कुटिया के बाहर ही अपना आसन जमा लेता है और सीता जी से भिक्षा की मांग करता है । सीता जी उसे कहती हैं कि वह कुटिया से बाहर नहीं आ सकती । यदि रावण को भिक्षा चाहिए तो कुटिया के समीप आ जाए । रावण इसको अपना अपमान करार देते हुए रामजी को श्राप देने का ढोंग करता है तो घबराकर सीता जी कुटिया से बाहर आकर उसको कंद मूल आदि की भिक्षा प्रदान करना चाहती हैं, लेकिन रावण अपने असली रूप में आ जाता है और सीता जी का हरण करके दक्षिण दिशा की तरफ बढ़ जाता है। यहां पर पक्षी राज जटायु उसे रोकने का प्रयास करते हैं लेकिन बलशाली रावण उनको बुरी तरह घायल करके दक्षिण दिशा की तरफ बढ़ता चला जाता है।
आज की लीला में गणेश भगवान की भूमिका में आशीष ग्रोवर, राम की भूमिका में मनोज अरोरा, सीता की भूमिका में दीपक अग्रवाल, लक्ष्मण की भूमिका में गौरव राज बेहड़, रावण की भूमिका में विशाल भुड्डी एवम रमन अरोरा, सूर्पनखा की भूमिका में सचिन मंुजाल, खर- अनिल तनेजा, दूशण- राजकुमार कक्कड़, मारीच की भूमिका में मोहन लाल भुड्डी, विभीषण सचिन आनन्द, मेघनाद- राजकुमार कक्कड़, जटायु की भूमिका में गोला ईदरीसी नें शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव विजय जग्गा, संदीप धीर एवम केवल कृष्ण बत्रा नें किया।
इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर सीए, समन्वयक नरेश शर्मा, विजय जग्गा, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, सुशील गाबा, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, केवल कृष्ण बत्रा, हरीश अरोरा, महावीर आजाद, अमित चावला आशीष मिड्ढा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, हरीश सुखीजा, मनोज मंुजाल, राम कृश्ण कन्नौजिया, रमन अरोरा, कुक्कू शर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाष तनेजा, मनेाज अरोरा, गौरव जग्गा, पुलकित बांबा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, वैभव भुड्डी, दीपक अग्रवाल, अनमोल मिड्ढा, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, सन्नी आहूजा अमित वर्मा, कपिश सुखीजा, राजन राठौर, बिट्टू ग्रोवर, सनी आहूजा, सनी कोहली, लवी ग्रोवर, नोनी ग्रोवर, शिवांश कोहली, शौर्य अरोरा, आयुश धमीजा, नीतिश धीर, पंकज सुखीजा, सुरेश बब्बर, यमन बब्बर, मोहन अरोरा, हर्ष अरोरा, रोनिक मुंजाल, गर्वित मुंजाल, केतन बांगा, कुंदन, सिद्धान्त ग्रोवर, अजय चड्डा, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, चिराग तनेजा, अभय भुड्डी, पुरूराज बेहड़, आशमन अरोरा, अभि चुघ, तन्मय आनन्द, आयुश्मान सुशील गाबा, बलवंत अरोरा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा, दिव्यांश गोयल, कनव गंभीर, महेश गर्ग, संजीव कामरा, राजकुमार नारंग, सुशांत चौहान आदि उपस्थित थे।