नानकमत्ता। ज्यो ज्यो मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे उम्मीदवारों के दिलो की धड़कन तेज होती जा रही है। सभी प्रत्याशी अपनी अपनी पार्टी के घोषणा पत्र लेकर आमजन के बीच जा रहे है। दो बार 69 विधानसभा में अपना वर्चस्व स्थापित कर चुके डॉ प्रेम सिंह राणा इस बार भी भाजपा से अपना तीसरी बार भाग्य आजमा रहे है। नानकमत्ता विधानसभा में विकास कार्यों, खेल स्टेडियम, पर्वतीय उत्थान भवन, थारू भवन समेत डैम पार में बसे लोगो को पुल के माध्यम से मैन सड़क से जोड़ने में उनके कार्य को नजरअंदाज नही किया जा सकता। लेकिन किसान आंदोलन से उनको जो क्षति हो रही थी उसकी भी लगभग भरपाई हो चुकी है। अधिकांश लोग उनके और शासन के कार्याे से प्रभावित होकर उनको समर्थन दे रहे है। हर समय अपना चेहरा लेकर आम जन के बीच वह अपना कार्य बखूबी कर रहे है। वहीं उनसे दो बार रणभूमि में करारी हार खा चुके कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल सिंह राणा की डगर इस बार भी डूबती हुई नैया की तरह दिखाई से रही है। पार्टी में इस बार बहुत ही अंतर्कलह के चले यूथ कांग्रेस के कई युवा उनका साथ छोड़ कर अपना इस्तीफा आलाकमान को भेज चुके है। अब से लगभग 7 वर्ष पूर्व नानकमत्ता के ही फुल्लईया कांड उनके माथे का कलंक बन चुका है। जो कि किसी प्रकार से आमजन भूलने को तैयार नही है। उनकी राह में उनके अपने ही रोड़े अटकाने से बाज नही आ रहे है। आप से खड़े आनंद सिंह राणा को मजबूरी में दिहाड़ी पर अपना प्रचार करने के लिए मजदूर लाने पड़ रहे है। वहीं भाजपा में 25 वर्षों से कार्य कर रहे मुकेश राणा ने पार्टी से विद्रोह कर निर्दलीय रूप से अपना नामांकन तो कर लिया। लेकिन जन जन के बीच अपनी पकड़ न होने के कारण उनके लिए यह सीट ले जा पाना असंभव है। 14 फरवरी को मतदान का दिन है देखना यह है कि इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा