




राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन हुआ
काशीपुर राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा “ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस” का धूमधाम से आयोजन किया गया | कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर मृत्युंजय कुमार सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया | भौतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर महीपाल सिंह ने “सर सी० वी० रमन तथा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस “ पर व्याख्यान दिया | उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला | भौतिक विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० महेन्द्र जोशी ने “समय तथा उसका क्वांटम गुरुत्व में योगदान” नामक शीर्षक पर लोकप्रिय व्याखान दिया | सर सी० वी० रमन के जीवन तथा उनके द्वारा खोजे गए “रमन प्रभाव “ पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आयोजन के माध्यम से भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को याद किया गया | कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा आम जन मानस में वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करना, विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाना तथा विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ाना था | कार्यक्रम में सत्र 2024-25 में भौतिक विज्ञान विभाग, भौतिक विज्ञान परिषद् तथा भौतिक विज्ञान क्लब द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों तथा प्रतियोगिताओं के विजताओं को प्रमाण पत्र तथा ट्राफी देकर पुरस्कृत किया गया | पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः आशुतोष, बी० एस सी ०- छठां सेमेस्टर ,राजकुमार सिंह, बी० एस सी ०- छठां सेमेस्टर तथा विवेक शर्मा, एम्०एस सी० –चतुर्थ सेमेस्टर को पुरस्कृत किया गया | क्विज प्रतियोगिता में विनायक जोशी , बी० एस सी ०- चतुर्थ सेमेस्टर, अनिकेत बी० एस सी ०- छठां सेमेस्टर, आशुतोष , बी० एस सी ०- छठां सेमेस्टर को क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान हेतु पुरस्कृत किया गया | इसी प्रकार लेख लेखन प्रतियोगिता , तात्कालिक प्रतियोगिता आदि हेतु कुल 70 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया जिनमें भौतिक विज्ञान परिषद् के पदाधिकारी भी शामिल थे | कार्यक्रम में डॉ० महेन्द्र सिंह चौहान , डॉ ० रमेश चन्द्र कश्यप , डॉ ० महेश मेवा फरोश , डॉ ० अर्चना भट्ट , डॉ ० नीरू गुप्ता , अतुल भदोला, आकाश सिन्हा, रोहित कुमार, लक्ष्मी देवी, रितिका गोले, अजीत सिंह आदि सहित कुल 60 लोग उपस्थित थे | कार्यक्रम की समन्वयक डॉ ० रेणुका चौहान रही

