



रूद्रपुर। उत्तराखण्ड में पूर्ण बहुमत से आई भाजपा सरकार में पंजाबी समाज को एक बार फिर प्रतिनिधित्व नही मिलने से पंजाबी समाज में असंतोष है। पंजाबी समाज अब भाजपा की खिलाफत का मन बना रहा है। पंजाबी महासभा के जिलाध्यक्ष केवल कृष्ण बतरा ने खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि पंजाबी समाज को सरकार में यथोचित सम्मान नहीं दिया गया तो आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। मीडिया को जारी बयान में जिलाध्यक्ष केवल कृष्ण बतरा ने कहा कि पिछले लम्बे समय से पंजाबी समाज भाजपा के साथ हर चुनाव में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है। उधम सिंह नगर की बात करें तो यहां 2017 के चुनाव में भी दो पंजाबी विधायक चुने गये थे। इस बार भाजपा की सीटें जिले में कम हुई हैं लेकिन इसके बावजूद पंजाबी समाज के दो विधायक देहरादून पहुंचे हैं। 2017 के चुनाव में पूर्ण बहुमत से आई भाजपा सरकार में पंजाबी समाज को उम्मीद थी कि पंजाबी समाज को सरकार में सम्मान मिलेगा। लगातार पंजाबी समाज इसके लिए मांग उठाता रहा लेकिन पांच साल में कई बार मंत्रिमण्डल में फेरबदल के बावजूद सरकार ने पंजाबी समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिया। इस बार भी जब भाजपा पूर्ण बहुमत से पुनः सत्ता में आयी तो पंजाबी समाज ने पंजाबी समाज के विधायक को सरकार में प्रतिनिधित्व देने की मांग उठाई थी लेकिन पंजाबी समाज को सरकार में इस बार भी जगह नहीं दी गयी यह पंजाबी समाज का अपमान है। श्री बतरा ने कहा कि उधम सिंह नगर के दो पंजाबी विधायकों में से एक को भी सरकार में शामिल नहीं किया गया है यह पंजाबी समाज की घोर उपेक्षा है। इसकी कीमत भविष्य में भाजपा को चुकानी पड़ेगी। श्री बतरा ने कहा कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस अपेक्षा का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जिलाध्यक्ष बतरा ने कहा कि जल्द ही पंजाबी समाज की बैठक बुलाकर रणनीति तय की जायेगी। जो राजनैतिक दल पंजाबी समाज की उपेक्षा करेगा भविष्य में उसका बहिष्कार करने के लिए राय ली जायेगी।