किच्छा। पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही है। साथ ही पूर्ति निरीक्षक द्वारा यह स्पष्ट रूप से स्वीकार भी कर लिया गया कि उन्होने अपने कार्यालय में एक बाहरी व्यक्ति को बैठा कर सरकारी दस्तावेजों के साथ कार्य कराया जा रहा है तथा इसके लिए उनके द्वारा विभाग से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली है।
वही लगातार क्षेत्र की जनता नए राशन कार्ड को लेकर पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पात्र राशन कार्ड धारकों को पूर्ति निरीक्षक कार्यालय से कई महीनों से टरकाया जा रहा है, जिसको लेकर गरीब व्यक्ति राशन कार्ड बनाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर है।
जानकारी के अनुसार लम्बे समय से किच्छा पूर्ति कार्यालय में आम जनता के साथ भ्रष्टाचार व अवैध वसूली की शिकायतों के सिथ शिकायतकर्ता तहसील से लेकर जिलाधिकारी तक चक्कर काट रहे है। परन्तु नगर का पूर्ति कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। इस मामले में जब कार्यालय का निरीक्षण किया गया तो एक बड़ा गोलमाल नजर आया। पूर्ति निरीक्षक द्वारा अपने स्तर से एक व्यक्ति को कार्यालय में भर्ती कर ली है तथा पूर्ति विभाग के सभी गोपनीय कार्यालयी दस्तावेज भी उस बाहरी व्यक्ति को सौंप दिए है। जिसके बाद बाहरी व्यक्ति खुलेआम पूर्ति निरीक्षक के बराबर से बैठकर कार्यालय में सरकारी कम्प्यूटर व सरकारी फाईलों पर बेधड़क कार्य कर रहा है। इस मामले मे पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि उन्होंने इसके लिए किसी भी प्रकार की विभागीय अधिकारियों अनुमति नहीं ली गई है। जिससे सरकारी कागज़ो की गोपनीयता भंग की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह कर्मचारी आचरण नियमावली का स्पष्ट उल्लंघन है। इस बारे में उप जिलाधिकारी किच्छा ने जांच की बात करते हुए मामले को देखने की बात कही है।