रूद्रपुर के निवासी डॉक्टर राजा छाबड़ा ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जर्मनी में प्रस्तुत करा अपना कैंसर संबंधित शोध पत्र
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ़ मेडिकल ऑनकोलॉजी (ईएसएमओ) के वार्षिक गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल कैंसर सम्मेलन में डॉक्टर राजा छाबड़ा ने अपनी गॉल ब्लैडर (पीत की थैली) कैंसर पे की गई शोध पत्र को बड़े पैमाने पे प्रस्तुत कर देश एवं उत्तराखण्ड वासियों को गौरवान्वित महसूस करवाया ।
यह कांफ्रेंस दिनांक 26-29 जून को जर्मनी के शहर म्यूनिक में हुई, जिस्म देश भर से विख्यात डॉक्टर्स ने अपने गैस्ट्रों संबंधित कैंसर पे शोध पत्र प्रस्तुत कर नये तकनीकों एवं इलाजों के बारे में विश्व को अवगत कराया।
डॉक्टर राजा छाबड़ा ने गौल ब्लैडर कैंसर पे अपने शोध पत्र से कीमोथेरेपी एवं टार्गेटेड थेरेपी से कैसे इस कैंसर से अच्छी तरह से इलाज संभव है, के बारे में बताया।
इस कांफ्रेंस में विश्व भर से हज़ारो शोध पत्र भेजे गये थे, जिस्म मात्र 300 शोध पत्र ही चयनित किए गए।
डॉक्टर राजा ने अपनी मेडिकल ऑनकोलॉजी की रेजीडेंसी के दौरान इस पत्र को प्रस्तुत कर अपने देश को बड़े पायदान पे प्रस्तुत कर यह दर्शाया कि जटिल से जटिल कैंसर का भी इलाज संभव है।
डॉक्टर राजा ने अपना एम बी बी एस 2016 में राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं सुशीला तिवारी अस्पताल से पूर्ण कर, वर्ष 2022 में अपना , एम डि , देश के प्रतिष्ठित संस्थान (एस जी पी जी आई – लखनऊ) से उत्तीर्ण करा।
अभी वह बी अल कपूर अस्पताल, नयी दिल्ली में अपनी सुपर स्पेशलिटी (मेडिकल ऑनकोलॉजी) की रेजीडेंसी पूर्ण कर रहे है।
वह आने वाले समय में अपने राज्य उत्तराखंड व अपने शहर रूद्रपुर में अपनी सेवाए देकर लोगो को कैंसर से बचाने व जागरूक बनाने का कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।