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संस्कृत भाषा ही हमारी पुरानी संस्कृति का उद्घोष करती है : शैलेंद्र मिश्रा

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संस्कृत भाषा ही हमारी पुरानी संस्कृति का उद्घोष करती है : शैलेंद्र मिश्रा

 

 

काशीपुर।जनजीवन उत्थान समिति द्वारा स्व. सत्येंद्र चंद्र गुड़िया मार्ग पर श्री जगदीश प्रेरणा भवन स्थित समिति के सभागार में अखिल ब्राह्मण उत्थान महासभा महानगर इकाई के तत्वाधान में संस्कृत के संरक्षण व संवर्धन के बारे में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड रत्न से सम्मानित अखिल ब्राह्मण उत्थान महासभा के महानगर अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्रा एडवोकेट ने कहा कि संस्कृत भाषा का हमारे देश में प्राचीन काल से ही बहुत महत्व रहा है। संस्कृत देव भाषा है और आज देव भाषा की स्थिति देखकर मन विचलित होता है। क्योंकि संस्कृत को पढ़ने, लिखने और बोलने वाले लोग काम होते जा रहे हैं। आज जरूरत है देव भाषा संस्कृत के संरक्षण एवं विकास की। महर्षि दयानंद ने संस्कृत के विकास के लिए कार्य किया था। संस्कृत वैज्ञानिक भाषा भी है। संसार के कई विद्वानों ने प्रकृति और सृष्टि का अवलोकन के लिए संस्कृत का महत्वपूर्ण पठन कर संस्कृत के महत्व को जाना था। संस्कृत के विकास के लिए हम समाज में नैतिक मूल्यों का समावेश करें, जिससे हमारी नैतिक विरासत सुरक्षित रहे। आज हमें अपने देश की ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे पुरानी भाषा संस्कृति को पठन-पाठन में आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। गोष्ठी में भास्कर त्यागी एडवोकेट ने भी अपने विचार रखे और कहा कि हमें अपने बच्चों में संस्कृत के प्रति आकर्षण पैदा करने की जरूरत है और उन्हें संस्कृत के महत्व एवं इतिहास का ज्ञान कराने की आवश्यकता है।

गोष्ठी में बच्चों को पेंसिल एवं कॉपी बांटी गई ।

इस मौके पर भास्कर त्यागी एडवोकेट, देवांग मिश्रा एडवोकेट, सैयद आसिफ अली एडवोकेट, ममता मिश्रा एडवोकेट, मंजू सक्सेना एडवोकेट, सारांश सक्सेना एडवोकेट, विवेक मिश्रा एडवोकेट, शालिनी मिश्रा एडवोकेट, अमृतपाल सिंह एडवोकेट, रईस अहमद एडवोकेट, अंकित चौधरी एडवोकेट, मुमताज एडवोकेट, सैयद इफरा एडवोकेट, निम्मी एडवोकेट आदि उपस्थित रहे।


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