संयुक्त किसान मोर्चा उत्तराखंड सम्मेलन सम्पन्न*

खबरे शेयर करे -

संयुक्त किसान मोर्चा उत्तराखंड सम्मेलन सम्पन्न*

 

*सम्मेलन में बाजपुर के 20 गांव का मुद्दा छाया रहा*

 

*मुद्दा हल ना होने तक मुख्यमंत्री मंत्री सांसद के स्वागत कार्यक्रमों के विरोध का ऐलान*

 

*1 अगस्त से बाजपुर में शुरू होगा भूमि बचाओ आंदोलन*

 

बाजपुर।संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार आज 16 जुलाई को उत्तराखंड संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर की ग़ल्ला मंडी में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया।जिसमें प्रदेश के सभी प्रमुख किसान संगठनों ने भागीदारी की सम्मेलन की अध्यक्षता जगीर सिंह ने व संचालन भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने किया सम्मेलन में प्रमुख रूप से भारतीय किसान यूनियन ,तराई किसान संगठन ,अखिल भारतीय किसान सभा ,भूमि बचाओ मुहिम बाजपुर ,अखिल भारतीय किसान महासभा ,किसान यूनियन एकता उगरहां, किसान संघ अखिल भारतीय किसान सभा (अजय भवन) किसान युनियन अन्नदाता , प्रतिनिधियों ने भाग लिया।संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सदस्य व उत्तराखंड के प्रभारी तराई किसान के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने कहा की केंद्र की सरकार ने किसान आंदोलन के स्थगित होने के समय किसानों के साथ जो वायदे किए थे सरकार उन वायदों से मुकर गई है किसानों द्वारा आंदोलन समाप्त नहीं किया गया था बल्कि स्थगित किया गया था देश भर के किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को फिर से देश भर में शुरू कर दिया है। न्यनतम समर्थन मूल्य की गारंटी किसानों की सम्पूर्ण कर्ज़ माफ़ी ,बिजली विधेयक 2020 ,किसानों को फ़सल बीमा ,आंदोलन के दौरान दर्ज मुक़दमे वापस लेने, लखिमपुर कांड के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिऋा टेनी को बर्खास्त करने , आंदोलन के दौरान शहीद परिवारों को मुआवज़ा देने की माँगो को लेकर किसान इन सम्मेलनों के माध्यम से सरकार से हिसाब माँगने का काम का काम करेंगे।देश व प्रदेश की माँगो को लेकर 26 जुलाई प्रदेश भर में तसील स्तर पर ज्ञापन दिए जाऐगे।

भूमि बचाओं मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने कहा की जहाँ राष्ट्रीय स्तर पर किसानों की समस्याएं हैं वहीं प्रदेश स्तर पर बाजपुर 20 गांवों की 5838 एकड़ से अधिक भूमि पर बसे किसानों का मालिकाना हक़ सरकार ने छीन लिया है। 1 अगस्त से बाजपुर में भूमि बचाओ आंदोलन शुरू किया जाएगा। सरकार तराई को उजाड़ने का षड्यंत्र रच रही जिसको सफल नही होने दिया जाएग संघर्ष लगातार जारी रहेगा। सरकार यदि वास्तव में उत्तराखंड के किसानों के प्रति चिंतित है तो पहले उन किसानों को मालिकाना हक़ दे गुमराह करना बन्द करे किसी भी क़ीमत पर किसानों को उजडने नहीं दिया जाएगा उन्होंने कहा प्रदेश सरकार पंजाब तेलंगाना अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी किसानों को मुफ़्त बिजली दी जाऐ। किसानों को अवारा पशुओं से निजात दिलाऐ।सम्मेलन की अध्यक्षता करते किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जगीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार वन अधिनियम 2023 ,सिंचाई भूमि व अन्य भूमि पर बसे किसानों को उजाड़कर की किसान विरोधी मानसिकता का उजागर कर रही है सरकार गन्ने का मूल्य 450 प्रति कुंटल ,चीनी मिलों का निजीकरण बन्द करे।

किसान यूनियन एकता उगरहां के प्रदेश अध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा कि सरकार ने किसानों की 2022 में आय दुगुनी करने का जो झूठा वादा किया था उसका हिसाब अब प्रदेश के किसान सरकार से माँगेंगे किसान की आय कम हुई है।9 अगस्त को कारपोरेट भगाओ गाँव खेती बचाओं के उद्घोष के साथ देश भर में किसान संगठन कार्यक्रम करेंगे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से दर्शन सिंह, बलविंदर सिंह ठाकुर,जगदीश सिंह, जसबीर उप्पल,हरपाल,मनेस, राजेन्दर सिंह,विक्की रंधावा,अजीत प्रताप रंधावा ,गुरनाम सिंह,धारीवाल, सुधीर शाही,प्रताप सिंह,बिजेंदर डोगरा,रजनीश सिंह सोनू,सनी निज्जर, बलविंदर सिंह, शिंगारा सिंह , दारा दिलेर रंधावा कौशलेंद्र प्रताप सिंह आदि सैकड़ों किसान उपस्थित थे।


खबरे शेयर करे -

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *