देहरादून । देवभूमि उत्तराखंड में बच्चों के अधिकारों का पूरी तरह से संरक्षण करते हुए उन्हें बाल श्रम से पूरी तरह से मुक्त रखने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। यह बात उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी ने दूरभाष पर वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाल श्रम को रोकने के लिए संविधान में व्यवस्थाएं की गई है। यदि कोई व्यक्ति अपने आवास, प्रतिष्ठान अथवा अन्य स्थान पर बाल श्रम करवाकर बच्चों का मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बाल श्रम रोकने के लिए संपूर्ण प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से आम जनता को बाल श्रम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। श्री गुलाटी ने कहा कि प्रदेश का बेहतर भविष्य बच्चों पर ही निर्भर करता है। यदि बच्चे शिक्षित होकर समाज में अपना योगदान करेंगे तो निश्चित रूप से प्रदेश विकास की ओर तेजी से अग्रसर होगा। उन्होंने कहा सरकार द्वारा बाल श्रम को रोककर बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है और उन्हें सरकारी एवं निजी विद्यालयों में विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। श्री गुलाटी ने कहा कि यदि गरीब परिवार को मजबूरी में बच्चों से श्रम कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। तो ऐसे परिवारों की सरकार द्वारा मदद भी की जा रही है और बच्चों को विद्यालय में ना सिर्फ नि:शुल्क प्रवेश दिलाया जा रहा है वरन विद्यालय में बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें व मध्यान्ह भोजन अथवा खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि बच्चे अपने परिवार पर बोझ बन कर ना रहे। उन्होंने कहा उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग समय-समय पर बाल श्रम रोकने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों व उद्योगों में निरीक्षण भी करता है और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर उन्हें बाल श्रम रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहता है। श्री गुलाटी ने कहा प्रदेश से बाल श्रम पूरी तरह से समाप्त करने के लिए आम जनता को एकजुट होकर आगे आने की आवश्यकता है। श्री दीपक गुलाटी ने बताया कि जून माह में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा प्रदेश स्तर पर बाल श्रम उन्मूलन हेतू एक सघन अभियान क्रियान्वित किया जा रहा है जिसका ध्येय बाल श्रम का उन्मूलन है और इसमें लिप्त पाए जाने वाले बच्चों को पुनर्वासित कर उज्जवल भविष्य के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि यदि कभी भी और कहीं भी बाल श्रम व भिक्षावृत्ति आदि में बच्चों को देखें तो इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 अथवा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दूरभाष नंबर 0135 – 297 – 2450 पर देने की कृपा करें। ताकि बच्चों का भविष्य बेहतर बनाया जा सके।