सुमंत की हुई वापसी,राम के वियोग में दशरथ ने त्यागे प्राण• चित्रकूट में श्री राम भरत का हुआ मिलाप

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•सुमंत की हुई वापसी,राम के वियोग में दशरथ ने त्यागे प्राण•
चित्रकूट में श्री राम भरत का हुआ मिलाप

श्री शिव नाटक क्लब द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के सातवें दिन लीला का शुभारंभ अमर योग क्लब के संरक्षक, समाजसेवी अशोक अदलखा ,अशोक कालरा, समाजसेवी चंद्रकांत अरोरा एवं सर्व गौड़ मंगलदास जी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया

योग गुरू अशोक कालरा ने प्रभु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि राम जी के जीवन से हमें बहुत प्रेरणा मिलती है, उन्होंने कहा कि “जिसके सिर मुकुट साजना था उसको ही सब कुछ त्यागना था” इसलिए जीवन में आने वाली कठिनाइयों को ना देखते हुए हमें उत्तम जीवन जीने के लिए वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए और आनंदमय जीवन जीना चाहिए

सब मंगल गौड़ दास जी ने प्रभु चर्चा करते हुए कहा कि राम भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न एवं सीता माता के जीवन से हम जीवन जीना सीखते हैं कि किस प्रकार इतनी कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने सब कुछ सहन किया, हमारी संस्कृति को सहेजने के लिए रामलीलाओं का मंचन अत्यंत आवश्यक है, उन्होंने सभी को हरे कृष्ण मंत्र का जाप भी कराया

श्री शिव नाटक क्लब के पदाधिकारियों द्वारा सभी अतिथियों को पटका पहनाकर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया,स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया

रामलीला के मंचन में सुमंत की अयोध्या में वापसी,दशरथ मरण, भरत की अयोध्या में वापसी, भरत केकई संवाद, भरत कौशल्या संवाद और भरत मिलाप तक की लीला का मंचन किया गया जिसमें दशरथ की भूमिका नरेश घई ,सुमंत विशाल गुंबर, कौशल्या आदित्य कुमार, सुमित्रा अभिनव अनेजा,कैकेई भारत हुडिया,भरत सनी घई, शत्रुघ्न विशांत भसीन, वशिष्ठ पुष्कर नागपाल, राम गौरव अरोरा,लक्ष्मण रवि कक्कड़,सीता नैतिक तनेजा,मामा पंकज कालरा,नाना की भूमिका बिट्टू अरोरा द्वारा की गई, मंच संचालन जॉली कक्कड़ द्वारा किया गया

श्री शिव नाटक क्लब के अध्यक्ष जगदीश सुखीजा ने सभी राम भक्तों से श्री रामलीला के मंचन को देखे हेतु अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आग्रह किया है


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