“लव जिहाद” के चलते पुरोला में फिर तनाव बरकरार, प्लाटून पीएसी तैनात; दुकानों पर लगा ताला

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वसुन्धरा दीप डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड में बीते दिनों लव जिहाद के मामले पर जारी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नाबालिग लड़की को भगाने की घटना के बाद से पुरोला में अभी माहौल सौहार्द और शांतिपूर्ण का नहीं हुआ है। मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें पिछले 15 दिनों से नहीं खुल पाई हैं।
मामले की गंभीरता को देखते पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है। पुरोला में कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने आज बुधवार से एक प्लाटून पीएसी तैनात कर दी है। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए प्लाटून पीएसी तैनात कर दी गई है।
पुरोला में गारमेंट्स, नाई, दर्जी, फल सब्जी, मोटर मैकेनिक सहित 40 से अधिक मुस्लिम व्यापारियों के प्रतिष्ठान हैं। लव जिहाद का मामला सामने आने के बाद से ही यहां पर मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें बंद हैं। पिछले 15 दिनों से ये दुकानें नहीं खुली हैं और इसके साथ ही लगातार प्रदर्शन भी देखने को मिल रहे हैं।
बीती 26 मई को पुरोला में नाबालिग छात्रा को भगाने के आरोप में एक हिंदू और एक मुस्लिम युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों के विरुद्ध पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा। इस घटना के बाद से पुरोला में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध व्यापारियों सहित विभिन्न संगठनों ने मोर्चा खोला। तब से सभी मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों की दुकानें बंद हैं।
पुरोला व्यापार मंडल ने क्षेत्रीय जनता में आक्रोश एवं सुरक्षा कारणों का हवाला देकर स्वयं जिम्मेदारी पर ही मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें खोलने की बात कह कर पल्ला झाड़ दिया। वहीं जिला पंचायत उत्तरकाशी अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता दीपक बिजल्वाण ने भी ऐलान किया कि जनपद उत्तरकाशी गांव-गांव में सामान बेचने के लिए जाने वाले फेरी संचालकों को जिला पंचायत अनुमति नहीं देगा।बाहरी व्यापारियों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले स्थानीय व्यापारियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए दीपक बिजल्वाण ने कहा कि बाहरी व्यक्तियों को दुकान किराये पर न दें।


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