Homeउत्तराखंडकिसानों के उत्पीड़न के विरोध में तराई किसान संगठन ने प्रदर्शन किया

किसानों के उत्पीड़न के विरोध में तराई किसान संगठन ने प्रदर्शन किया

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किसानों के उत्पीड़न के विरोध में तराई किसान संगठन ने प्रदर्शन किया

रुद्रपुर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तराई किसान संगठन के किसान बड़ी संख्या में गल्ला मंडी रूद्रपुर में इकट्ठा हुए और धान ख़रीद में किसानों की हो रही लूट को लेकर सरकार के ख़िलाफ़ ज़ोरदार प्रदर्शन कर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धान की फसल जलाया मौके पर पुलिस अधीक्षक अपर ज़िलाधिकारी ,उप ज़िलाधिकारी खाद्य विभाग के अधिकारी और भारी पुलिस बल तैनात रहा
तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने कहा है कि राज्य में 22 सौ रुपया प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य के सापेक्ष मंडियों में किसानों को धान 1700 प्रति क्विंटल ख़रीदा जा रहा है 400 रुपया से लेकर पाँच सौ रुपया प्रति क्विंटल तक किसानों का नुक़सान हो रहा है उन्होंने कहा 23 सितंबर को ज़िला प्रशासन को धान की बैठक में आगाह किया गया था की एक अक्टूबर तक सरकार ख़रीद व्यवस्था सुचारु रूप से शुरू कर दें परंतु आज नौ तारीख़ तक कच्चा आढ़ती की ख़रीद शुरू नहीं हो सकी है और 50 प्रतिशत से अधिक किसानों का धान सस्ते दामों पर बिक चुका है
विर्क ने कहा सरकारी केंद्रों पर भी नमी होने के कारण किसान अपना धान तुलवाने में असमर्थ हैं वहीं कच्चा आढ़ती के पास नमी के आधार पर धान बेचा जा सकता है परंतु कच्चा आढ़ती हर साल धान ख़रीद के सीज़न में हड़ताल पर चला जाता है और इसी बीच किसानों के धान की फ़सल की लूट हो जाती है राइस मिलर्स ओने पौने दामों पर किसानों का धान ख़रीद कर मिलों में स्टॉक कर लेते हैं और बाद में उसी धान को किसानों के नाम पर चढ़ाकर सरकार से पूरे दाम वसूलते हैं इस खेल में खाद्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं उन्होंने कहा अभी तक कच्चा आढ़ती का पंजीकरण नहीं हुआ है और न ही आढ़ती को ख़रीद का कोड मिला है इस प्रक्रिया में अभी 3 दिन लगेंगे इसलिए आज किसानों ने सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला है विर्क ने कहा सरकार यह बताए कि किसानों के साथ ऐसा धोखा क्यों किया जा रहा है एक तरफ़ सरकार दावा करती है की किसानों का शत प्रतिशत धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदा जाएगा और दूसरी तरफ़ आधा सीज़न बीत जाने पर भी ख़रीद शुरू नहीं हुई है इसका ज़िम्मेदार कौन है इस दौरान किसानों ने अपने धान को जलाकर अपना रोष प्रदर्शित किया और कहा कि उन्हें प्रति एकड़ 10 से 12 हज़ार रुपया का घाटा हो रहा है किसानों की लागत भी पूरी नहीं हो रही है इस अवसर पर ठाकुर जगदीश सिंह ,जसवीर सिंह उप्पल प्रधान काबुल सिंह, हीरा सिंह ,विक्रम जीत सिंह, गुरनाम सिंह धारीवाल, इक़बाल सिंह चीमा गुरजीत सिंह चीमा मौजूद थे


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