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पशुओं की आजादी पर प्रशासन की हथकड़ी, विदेशी मेहमानों के स्वागत में पशु बने कैदी

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नगर निगम का चला हंटर, व्यापारियों के बाद अब पशुओं का नम्बर

बेहोशी की दवाई देकर पशुओं को वाहनों में किया जा रहा कैद, गौशाला छोड़ने का दावा

रजत शर्मा/राजकुमार शर्मा (ऊधमसिंह नगर)

वसुन्धरा दीप डेस्क, रुद्रपुर। प्रदेश में होने वाले जी-20 सम्मेलन को एक ओर जहां प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर विदेशी मेहमानों के स्वागत में शहर में घूमने वाले पशुओं को संकट का सामना करना पड़ रहा है। विदेशी मेहमानों के स्वागत के चलते नगर निगम रुद्रपुर की टीम शहर में घूमने वाले पशुओं को बेहोशी की दवाई देकर कैद करने में जुट गई है। नगर निगम की टीम का दावा है कि वह इन पशुओं को गौशाला में छोड़ेंगे लेकिन शहर में घूमने वाले इन पशुओं की संख्या ज्यादा होने के चलते गौशाला में शामिल होना इन पशुओं के लिए मुश्किल है। इसके साथ ही टीम द्वारा पशुओं को कैद करने के लिए बेहोशी की दवाई दी जा रही है, जिसपर गौरक्षा दल व अन्य संगठन चुप्पी साधे हुए हैं।

बता दें आगामी 28 से 30 मार्च तक उत्तराखण्ड के रामनगर में जी-20 सम्मेलन होना प्रस्तावित है, जिसको लेकर प्रशासन की चहलकदमी जारी है। सम्मेलन में कई देशों के विदेशी मेहमान शिरकत करने वाले हैं, जिसको लेकर प्रशासन व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने में जुटा हुआ है। वहीं शहर में घूमने वाले पशुओं पर भी प्रशासन नकेल कस रहा है। नगर निगम की टीम द्वारा उक्त पशुओं की आजादी पर हथकड़ी लगाने का कार्य किया जा रहा है। विदेशी मेहमानों के स्वागत में यह पशु खुद को कैदी बना महसूस कर रहे हैं। बेहोशी के इंजेक्शन लगाकर पशुओं को वाहनों में भर गौशाला छोड़ने का दावा किया जा रहा है, हालांकि यह कितना सच है वह नगर निगम पर निर्भर करता है।


इससे पूर्व भी व्यापारियों को हाईवे से उजाड़कर अन्यत्र जगह विस्थापन का प्रशासन ने दावा किया था लेकिन अभी तक व्यापारियों का मामला अधर में लटका है। विचारणीय है कि जब मनुष्य की बात को लेकर प्रशासन अटल नहीं है तो इन पशुओं पर ध्यान कैसे दिया जा सकता है।


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