वसुन्धरा दीप डेस्क, बाजपुर। शहर के 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है, जिसको लेकर किसानों द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं सरकार 20 गांव की भूमि पर बसे लोगों की ओर जरा भी मेहरबान होती नजर नहीं आ रही है। इसी के चलते बाजपुर में भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और सरकार से किसानों को उनकी भूमि का मालिकाना हक वापस देने की मांग की। बता दें कि बाजपुर के 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि की खरीद-फरोख्त पर सरकार के इशारे पर उधम सिंह नगर के पूर्व जिलाधिकारी द्वारा रोक लगा दी गई थी, जिसको लेकर बाजपुर के लोगों ने आंदोलन करते हुए सरकार से किसानों को उनकी भूमि का मालिकाना हक वापस देने की मांग की जिसके चलते विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सरकार ने किसानों को उनकी भूमि का मालिकाना हक वापिस देने का ऐलान कर दिया लेकिन विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद सरकार के इशारे पर पुनः भूमि की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई और लोगों से उनकी भूमि का मालिकाना हक सरकार ने छीन लिया। लोगों को उनकी भूमि का मालिकाना हक वापस दिलाने के लिए बाजपुर बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा के नेतृत्व में लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सरकार के कानों पर जरा भी जू नहीं रेंग रही है। इसी के चलते बाजपुर के तहसील परिसर में भारतीय किसान यूनियन के कुमाऊं अध्यक्ष विक्की रंधावा और भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा के नेतृत्व में किसानों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और सरकार से किसानों को उनकी भूमि का मालिकाना हक वापिस देने की मांग की। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के कुमाऊं अध्यक्ष विक्की रंधावा ने कहा कि सरकार को किसानों का हक उन्हें वापस करना चाहिए जिससे किसानों को राहत मिल सके वही भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार तानाशाही को बढ़ावा देने का काम कर रही है जिसका नतीजा है कि सरकार लोगों को गुमराह करने पर तुली हुई है उन्होंने कहा कि अब ऐसा किसी भी कीमत पर लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे और यदि सरकार ने जल्द ही लोगों को उनकी भूमि का मालिकाना हक वापस नहीं किया तो यह आंदोलन जारी रहेगा।