![](https://vasundharadeep.news/wp-content/uploads/2022/01/WhatsApp-Image-2024-02-26-at-12.02.13-PM-2.jpeg)
![](https://vasundharadeep.news/wp-content/uploads/2023/10/AKANKSHA-AUTOMOBILES-R-PVT.-LTD.-scaled-1.jpg)
![](https://vasundharadeep.news/wp-content/uploads/2023/10/20x12-krishan-hospital-rudrapur_240405_213713.jpg)
![](https://vasundharadeep.news/wp-content/uploads/2023/10/LSC-Kumar315x315.jpg)
![](https://vasundharadeep.news/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2024-04-01-at-2.28.31-PM.jpeg)
रूद्र्रपुर- नगर की प्रमुख बस अड्डे वाली रामलीला में आज मंत्री द्वारा भरत एवं षत्रुघन को उनकी ननिहाल से बुलाकर अयोध्या लाने, अयोध्या आनें पर मातम पसरा देख उन्हें अनहोनी की आषंका सतानें, माता कैकई द्वारा बहाने बनाकर बहलानें, पिता दषरथ की मृत्यु एवं राम वनवास की खबर सुनकर उनका कैकई को तानें देना, भरत का राम से मिलनें वनो को दौड़ जाना, लक्ष्मण का भरत को चेतावनी देना, भरत राम संवाद, भरत का खड़ांउ लेकर वापस अयोध्या आनें का दृष्य मंचन हुआ। आज दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि क्षेत्र में अपने सरल सहज स्वभाव, सामाजिक कार्याें के साथ ही टंªासपोर्ट, उद्योग तथा रियल इस्टेट क्षेत्र के सषक्त हस्ताक्षर की पहचान बनाने वाले आर एस लोजिस्टिक, आर एस एग्रो सीड्स, सितारगंज फाईबर्स लिमिटेड, आर एस इंफ्राटेक प्राईवेट लिमिटेड के स्वामी हरीष मंुजाल थे। श्री रामलीला कमेटी नें श्री मुंजाल द्वारा सामाजिक एवं धार्मिक सस्थाओं को निरंतर सहयोग के लिये हार्दिक आभार व्यक्त करते हुये माल्यार्पण कर, षाल ओढ़ाकर एवं श्री गणेष जी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया।
आज प्रथम दृष्य में अयोध्या का दूत भरत के ननिहाल पहुंचता है और उन्हें वापस अयोध्या लिवा लाता है। अयोध्या पहुंचकर भरत को अपने पिता दशरथ की आकस्मिक मृत्यु का समाचार मिलता है। जब वह राम के बारे में पूछते हैं तो केकई उन्हें बताती है कि उसने तुम्हारे लिए राजपाट तथा राम के लिए 14 वर्षों का बनवास मांगा था, इसलिए राम वनों में चले गए हैं। भरत को अपने बड़े भाई भगवान राम के साथ घटित हुई इस घटना के बारे में पता चला. उनके ऊपर मानो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा हो क्योंकि एक ओर पिता की अकस्मात मृत्यु हो गयी, तो दूसरी ओर जहाँ ये आशा थी कि पिता की मृत्यु के बाद पिता समान बड़े भाई राम की छत्रछाया में रहने की शांति भी उनसे छिन चुकी थी। वो माता केकई को हजार ताने देते हैं तथा भाई शत्रुघ्न व सभी माताओं सहित वनों को रवाना होते हैं।
भरत को सेना सहित आते देख वनभील यह समाचार राम लक्ष्मण को देते हैं। समाचार सुनकर लक्ष्मणजी बहुत क्रोधित हो जाते हैं और प्रभु श्री राम से कहते हैं कि “जैसी माता, वैसा पुत्र”. राजकुमार भरत अपनी सेना के साथ आप पर [बड़े भाई राम पर] हमला करने आ रहे हैं। तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम लक्ष्मणजी को समझाते हुए कहते हैं कि “शांत हो जाओ लक्ष्मण, भरत ऐसा नहीं हैं, उसके विचार बहुत ही उच्च हैं और उसका चरित्र बहुत ही अच्छा हैं, बल्कि वो तो स्वप्न में भी अपने भाई के साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकता”. इस पर भी लक्ष्मणजी का क्रोध शांत नहीं होता और वे कहते हैं कि राजकुमार भरत अपने उद्देश्य में कभी सफल नहीं होंगे और जब तक लक्ष्मण जीवित हैं, ऐसा नहीं होगा.
जैसे ही राजकुमार भरत अपने बड़े भाई श्री राम को देखते हैं, वे उनके पैरों में गिर जाते हैं और उन्हें दण्डवत प्रणाम करते हैं, साथ ही साथ उनकी आँखों से अविरल अश्रुधारा बहती हैं. भगवान राम भी दौड़ कर उन्हें ऊपर उठाते हैं और अपने गले से लगा लेते हैं, दोनों ही भाई आपस में मिलकर भाव विव्हल हो उठते हैं, अश्रुधारा रुकने का नाम ही नहीं लेती और ये दृश्य देखकर वहाँ उपस्थित सभी लोग भी भावुक हो जाते हैं. तब राजकुमार भरत पिता महाराज दशरथ की मृत्यु का समाचार बड़े भाई श्री राम को देते हैं और इस कारण श्री राम, माता सीता और छोटा भाई लक्ष्मण बहुत दुखी होते हैं। राजकुमार भरत कहते हैं कि वह वन में ही राज्याभिषेक करके उन्हें वापस अयोध्या ले जाने के लिए आए हैं और अयोध्या की राज्य काज संसभी इस विचार का समर्थन करते हैं. परन्तु श्री राम ऐसा करने से मना कर देते हैं, वे अयोध्या लौटने को सहमत नहीं होते क्योंकि वे अपने पिता को दिए वचन के कारण बंधे हुए हैं. राजकुमार भरत, माताएँ और अन्य सभी लोग भगवान राम को इसके लिए मनाते हैं, परन्तु वचन बद्ध होने के कारण भगवान श्री राम ऐसा करने से मना कर देते हैं. तब राजकुमार भरत बड़े ही दुखी मन से अयोध्या वापस लौटने के लिए प्रस्थान करने की तैयारी करते हैं, परन्तु प्रस्थान से पूर्व वे अपने भैया राम से कहते हैं कि “अयोध्या पर केवल श्री राम का ही अधिकार हैं और केवल वनवास के 14 वर्षों की समय अवधि तक ही मैं [भरत] उनके राज्य का कार्यभार संभालूँगा और इस कार्य भार को सँभालने के लिए आप [श्री राम] मुझे आपकी चरण – पादुकाएं मुझे दे दीजिये, मैं इन्हें ही सिंहासन पर रखकर, आपको महाराज मानकर, आपके प्रतिनिधि के रूप में 14 वर्षों तक राज्य काज चलाऊंगा। भगवान श्री राम भी अपने छोटे भाई भरत का अपार प्रेम, समर्पण, सेवा भावना और कर्तव्य परायणता देखकर उन्हें अत्यंत ही प्रेम के साथ अपने गले से लगा लेते हैं. वे अपने छोटे भाई राजकुमार भरत को अपनी चरण पादुकाएं देते हैं। चरण पादुकाओं को बड़े ही सम्मान के साथ अपने सिर पर रखकर बहुत ही दुखी मन से अयोध्या की ओर प्रस्थान करते हैं. अन्य सभी परिवार जन भी एक – दूसरे से बड़े ही दुखी मन से विदा लेते हैं।
आज की लीला में राम- मनोज अरोरा, भरत का किरदार पुलकित बांबा, लक्ष्मण- गौरव जग्गा, सीताजी- दीपक अग्रवाल, गणेश भगवान- आशीष ग्रोवर आशु, राजा केके- अनिल तनेजा, सुमन्त- सचिन आनन्द, केकई संजीव आनंद, कौशल्या- नरेश छाबड़ा, सुमित्रा का किरदार हर्ष अरोरा नें निभाया।
इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के संरक्षक विधायक तिलक राज बेहड़ , वीना बेहड़ , अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, अमित गंभीर सीए, समन्वयक नरेश शर्मा, विजय जग्गा, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, सुशील गाबा, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, केवल कृश्ण बत्रा, हरीश अरोरा, महावीर आजाद, अमित चावला आशीष मिड्ढा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, चन्द्र सचदेवा, संदीप धीर, मोहन लाल भुड्डी, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, आषीश ग्रोवर आषू, हरीष सुखीजा, मनोज मंुजाल, विषाल भुड्डी, राम कृश्ण कन्नौजिया, अनिल तनेजा, रमन अरोरा, कुक्कू षर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाश तनेजा, मनेाज अरोरा, गौरव जग्गा, पुलकित बांबा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, वैभव भुड्डी, दीपक अग्रवाल, अनमोल मिड्ढा, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, सन्नी आहूजा अमित वर्मा, कपिष सुखीजा, राजन राठौर, बिट्टू ग्रोवर, सनी आहूजा, सनी कोहली, लवी ग्रोवर, नोनी ग्रोवर, षिवांष कोहली, षौर्य अरोरा, आयुश धमीजा, नीतिष धीर, मोहन अरोरा, हर्श अरोरा, रोनिक मुंजाल, गर्वित मुंजाल, केतन बांगा, कुंदन, सिद्धान्त ग्रोवर, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, चिराग तनेजा, अभय भुड्डी, पुरूराज बेहड़, आषमन अरोरा, अभि चुघ, तन्मय आनन्द, आयुश्मान सुषील गाबा, बलवंत अरोरा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा, दिव्यांष गोयल, कनव गंभीर, महेष गर्ग, संजीव कामरा, राजकुमार नारंग, आयुश्मान सुषील गाबा आदि उपस्थित थे।